उत्तराखंड में भारी बर्फबारी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. एक तरफ भारत-तिब्बत सीमा से सटे आखिरी गांव में लोग अपने घरों में कैद से हो गए हैं तो वहीं पर्यटक स्थल धनोल्टी में सीढ़ीनुमा खेत बर्फ से हरे से सफेद हो गए हैं. भारत-तिब्बत सीमा से सटे आखिरी गांव के हालात जानने के लिए आजतक की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर लोगों की समस्याओं और अनुभवों को भी साझा किया.
टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा का भारत-तिब्बत सीमा से सटा सबसे सीमांत गांव गंगी, जहां के लोग इन दिनों भारी हिमपात से जूझ रहे हैं. गंगी गांव में चार फीट तक बर्फ जम चुकी है और लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं.
गांव में इस बार सबसे अधिक बर्फबारी हुई है जिस कारण लोगों के साथ-साथ पशुओं को भी दिक्कतें आने लगी हैं. ग्रामीणों को अब पशुओं की चिंता सताने लगी है. गांव में दूर-दूर तक कई फीट तक बर्फ जम चुकी है. अब ग्रामीण पशुओं के लिए चारा लाने जाएं भी तो कहां जाएं. किसी तरह कई किलोमीटर की दूरी तय कर भारी हिमपात के बीच ग्रामीण महिलाएं चारे की व्यवस्था कर कमर पर ढोकर लाने को मजबूर हैं.
बता दें कि सीमांत गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय भेड़ पशुपालन है जिससे वह अपना जीवन यापन करते हैं. इस साल हुई अत्यधिक बर्फबारी से गांव के दूर-दूर तक कई फिट बर्फ जम चुकी है और पशुओं का चारा ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इस वजह से ग्रामीण खासा परेशान हो रहे हैं.
उधर, पर्यटक स्थल धनोल्टी में एक बार फिर जमकर बर्फबारी हुई है. जिससे क्षेत्र में एक बार फिर शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है. धनोल्टी सहित आसपास के क्षेत्र में जमकर बर्फबारी होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. एक माह में धनोल्टी क्षेत्र में ये आठवीं बार बर्फ पड़ी है. बर्फबारी से धनोल्टी के खेत-खलिहान सब सफेद हो गए हैं.
कड़ाके की ठंड से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. क्षेत्र में बर्फबारी के साथ तेज ठंडी हवा भी चल रही है. इसके साथ ही मसूरी में बारिश और कोहरे ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा का भारत-तिब्बत सीमा से सटा आखिरी गांव है
जो कि जिला मुख्यालय टिहरी से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जिले का
पहाड़ी हिस्सा होने की वजह से इस बार सबसे अत्यधिक बर्फबारी सीमांत गांव
गंगी में हुई है. गांव में चार फीट तक बर्फ जम चुकी है जिससे ग्रामीणों को
काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
धनोल्टी के साथ ही नौ हजार फीट स्थित सुरकंडा क्षेत्र भी बर्फबारी से सफेद
हो गया है. नाग टिब्बा की पहाड़ियां भी बर्फ की सफेद चादर से ढक गई हैं.