जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का ऐलान कर दिया था लेकिन सिर्फ पांच महीने के भीतर ही उसकी हेकड़ी ढीली हो गई और उसे भारत से दवा लेने पर मजबूर होना पड़ा. पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के व्यापारिक मामलों के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद ने सीनेट को बताया कि भारत के साथ व्यापार पर रोक के बावजूद वहां से दवाओं के कच्चे माल को मंगाना जारी रखा गया है, इस पर कोई रोक नहीं है.
जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को भारत सरकार द्वारा बीते साल पांच अगस्त को वापस लेने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया था. इससे भारत पर तो कोई असर नहीं पड़ा लेकिन पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्र परेशान हो उठे.
दवा उद्योग भी इनमें से एक है दवा उद्योग की मांग के बाद पाकिस्तान को भारत से दवाओं, इनके कच्चे माल और पोलियो मार्कर जैसे स्वास्थ्य उपकरणों को मंगाने के लिए बाध्य होना पड़ा.
'जंग' की रिपोर्ट के अनुसार, दाऊद ने सीनेट को एक सवाल के जवाब में बताया कि देश में दवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी. वह सीनेटर मियां अतीक शेख को जवाब दे रहे थे जिन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1949 के व्यापारिक समझौतों पर अमल करने और मौजूदा हालात पर चर्चा कराई जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा व्यापार हो रहा है जो वैध नहीं है. दूसरी तरफ व्यापार पर असर हो तो बाजार में दवाइयां कम पड़ जाएंगी.
दाऊद ने कहा कि दवाओं की कमी नहीं है. पांच अगस्त के बाद से भारत से व्यापार पर रोक है लेकिन कम से कम दवाओं के कच्चे माल पर ऐसी कोई रोक नहीं है. जरूरी कच्चे माल के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय से पूछा गया है और यह माल भारत से आ रहा है. पोलियो की वैक्सीन भी लेकर आए हैं.