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चीनी सरहद पर कैसी है तैयारी, फॉरवर्ड बेस से Exclusive तस्वीरें

मंजीत नेगी
  • 04 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:46 AM IST
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लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीनी सेना के बीच तनाव बना हुआ है. चीन के किसी भी चालबाजी का माकूल जवाब देने के लिए भारतीय थल सेना और वायु सेना ने मुकम्मल तैयारी कर रखी है. आजतक की टीम चीन बॉर्डर पर वायुसेना के फॉरवर्ड बेस पहुंची. इस बेस पर इंडियन एयरफोर्स ने चीन की किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

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भारत-चीन बॉर्डर के करीब बने वायुसेना के इस एयरबेस पर पहुंचने वाला आजतक पहला चैनल है. यहां पर एयरफोर्स ने दुश्मन को जवाब देने की ऐसी तैयारी कर रखी है जिसका अंदाजा लगाना भी असंभव होगा.

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15 जून को गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों की खूनी भिड़ंत के बाद लद्दाख में एलएसी पर वायुसेना हाई अलर्ट पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक फॉरवर्ड बेस पर जाकर चीन को सीधी चुनौती दी है. ऐसे में भारतीय वायुसेना के फाइटरजेट सरहद पर गरज रहे हैं. वायुसेना ने इस इलाके में कई लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया है.

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इस फॉरवर्ड एयर बेस पर सुखोई लड़ाकू विमान की गर्जना सुनाई दे रही थी तो वहीं मिग 29 भी आसमान में निगहबानी करता हुआ नजर आ रहा था. बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में मिग 29 विमान ने अहम भूमिका निभाई थी और अब एक बार फिर ये फाइटर जेट चीन सरहद पर दुश्मन को दहलाने के लिए तैयार है. वायुसेना के लड़ाकू विमान लगातार गश्त लगा रहे हैं. विमानों से सैनिकों और सामान को लद्दाख के अलग अलग इलाकों में भेजा जा रहा है. (फाइल फोटो)

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वायुसेना के इस फॉरवर्ड एयर बेस से चीन पर नजर रखने के लिए मल्टी रोल कॉम्बैट मिराज-2000, सुखोई-30 और और जगुआर की भी तैनाती की गई है. ये सभी लड़ाकू विमान हथियारों से लैस होकर उड़ान भरकर निगरानी कर रहे हैं.  (फाइल फोटो)

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इसके अलावा चिनूक हेलिकॉप्टर को लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए खाद्य और रसद सामग्री पहुंचाने में लगाया गया है. जबकि अपाचे हेलिकॉप्टर को दुश्मन पर धावा बोलने के लिए लगाया गया है. (फाइल फोटो)

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पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवानों को हवाई सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिकी अपाचे हेलिकॉप्टरों को उन क्षेत्रों के करीब के इलाके में तैनात किया गया है, जहां जमीनी सैनिकों द्वारा कार्रवाई की जा रही है. (फाइल फोटो)

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हाल में अमेरिका से खरीदे गए चिनूक हेलिकॉप्टर चीन से लगने वाली सरहद पर सैनिकों को फारवर्ड पोस्ट तक पहुंचाने और उनके लिए राशन के साथ ही हथियार पहुंचाने के मिशन को बखूबी निभा रहे हैं. जबकि अपाचे हेलिकॉप्टर को माउंटेन वॉरफेयर के लिए बेहतरीन माना जाता है. (फाइल फोटो)

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आजतक से फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात फाइटर पायलटों ने कहा कि मौजूदा हालात में अभी जिस तरह की चुनौतियां सामने हैं उससे निपटने के लिए एयर वारियर्स और लड़ाकू विमान पूरी तरह से तैयार हैं. (फाइल फोटो)

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भारत के लड़ाकू विमान जरूरत पड़ने पर अपना लक्ष्य तय कर चुके हैं. एमआई-17वी5 मीडियम-लिफ्ट हेलिकॉप्टर भी सैनिकों और सामग्री परिवहन के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.  चीन से तनातनी के बीच वायुसेना को मालूम है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर रक्षा कवच को कम नहीं किया जा सकता है. (फाइल फोटो)

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अभी भी गलवान घाटी, पैंगॉन्ग झील और दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सेना की तैनाती पहले जैसी बनी है. ऐसे में भारत किसी स्तर पर अपनी तैनाती को कम नहीं रखना चाहता है. कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया चीन से टकराव के बाद लेह पहुंचे थे. (फाइल फोटो)


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