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करंट के चलते गंवाया था हाथ, 2 गोल्ड जीतने वाले भारत के सबसे सफल खिलाड़ी हैं देवेंद्र

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST
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भारत के सबसे सफल पैरालंपिक खिलाड़ियों में शुमार देवेंद्र झझारिया ने टोक्यो पैरालंपिक्स में सिल्वर जीत लिया है. वे इससे पहले रियो और एथेंस पैरालंपिक्स में गोल्ड मेडल्स जीतकर इतिहास रच चुके हैं. हालांकि देवेंद्र के लिए ये सब आसान नहीं था और उन्हें कड़ी चुनौतियों से जूझना पड़ा है. 

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साल 2004 में देवेंद्र ने पहली बार पैरालंपिक्स गेम्स में हिस्सा लिया था. उस समय उनकी उम्र 23 साल थी. एथेंस पैरालंपिक्स में उन्होंने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए 62.15 मीटर दूर जैवलिन थ्रो किया था और 59.77 के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. वे एथेंस ओलंपिक्स में F44/F46 चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहे थे. 

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हालांकि इसके बाद साल 2008 में हुए बीजिंग पैरालंपिक्स और साल 2012 में हुए लंदन पैरालंपिक्स में देवेंद्र हिस्सा नहीं ले पाए थे. दरअसल इन दोनों ही पैरालंपिक्स में F46 कैटेगिरी नहीं थी. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आखिरकार टोक्यो पैरालंपिक्स में उन्होंने एक बार फिर मेडल जीता.

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देवेंद्र का इंतजार खत्म हुआ जब साल 2016 में रियो पैरालंपिक्स के दौरान F46 कैटेगिरी को शामिल किया गया था. देवेंद्र ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर गोल्ड जीता और उन्होंने अपने विश्व रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. देवेंद्र ने इस बार अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए 63.97 मीटर दूर जैवेलिन थ्रो किया था. 

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हालांकि, देवेंद्र बचपन से ही मानसिक तौर पर बेहद मजबूत शख्स रहे हैं और कोई भी बाधा उनके लक्ष्य के बीच नहीं आ पाई है. जब वे 8 साल के थे तो उनके बाएं हाथ को काटना पड़ा था क्योंकि उनका हाथ गलती से एक हाई पावर इलेक्ट्रिक वायर से चिपक गया था और इसके चलते उन्हें दिव्यांग होना पड़ा. 

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अपने हाथ को खोने के बाद भी देवेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और वे लगातार कड़ी मेहनत करते रहे. दो गोल्ड जीतने के बाद वे टोक्यो में भी गोल्ड जीतकर इतिहास रचना चाहते थे. हालांकि ऐसा हो नहीं पाया. राजस्थान के चुरु क्षेत्र से आने वाले देवेंद्र को साल 2017 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. (फोटो क्रेडिट:AP)

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देवेंद्र ने एक मजेदार किस्सा शेयर करते हुए ये भी कहा था कि रियो ओलंपिक्स 2016 से पहले उन्होंने अपनी बेटी से शर्त लगाई थी कि वे रियो पैरालंपिक्स में मेडल जीतेंगे, जबकि उनकी बेटी ने कहा था कि वे फर्स्ट आएंगी. पिता और बेटी अपनी अपनी शर्त को पूरा करने में कामयाब रहे थे. (फोटो क्रेडिट:AP)

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गौरतलब है कि 40 साल के देवेंद्र ने वर्ल्ड चैंपियनशिप 2013 में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता है. इसके अलावा वे साल 2016 में दुबई में एशिया-ओशनिया चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने में कामयाब रहे थे. इसके अलावा उन्होंने एशियन पैरा गेम्स में भी सिल्वर मेडल जीता है और साल 2002 में साउथ कोरिया में हुए एफईएसपीआईसी गेम्स में भी गोल्ड जीता था. (फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स)

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