Advertisement

ट्रेंडिंग

नेपाल अब 7 साल बाद भारतीय महिलाओं को देगा नागरिकता

सुजीत झा
  • 20 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST
  • 1/12

भारत और नेपाल के बीच नक्शा विवाद का असर अब दोनों देशों के बीच सैकड़ों सालों से चल रहे रोटी-बेटी के रिश्ते पर भी पड़ने लगा है. नेपाल में भारतीय महिलाओं को राजनीतिक और सामाजिक अधिकार से दूर रखने की साज़िश के तहत नेपाल सरकार ऐसा फैसला ले रही है जो दोनों देशों के बीच हुए मैत्री संधि के भी खिलाफ है.

  • 2/12

नेपाल सरकार ने भारत के साथ राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध में तो दरार ला ही दिया है अब दोनों देशों के बीच होने वाले वैवाहिक संबंध ‌और पारिवारिक संबंध को भी खत्म करने की रणनीति के तहत एक और कदम आगे बढ़ाने का फैसला कर लिया है.

  • 3/12

नेपाल के नागरिक से शादी करके वहां जाने वाली भारतीय महिलाओं को अब नेपाल की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 7 सालों तक इंतजार करना होगा. ऐसे में सात वर्षों तक नेपाल में भारतीय विवाहित महिलाओं को सभी प्रकार के राजनीतिक अधिकार से वंचित रहना होगा.

Advertisement
  • 4/12

शनिवार सुबह प्रधानमंत्री निवास में हुई नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी की बैठक में नागरिकता संबंधी संशोधित कानून को संसद से पास कराने का फैसला किया गया है. चूंकि सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी के पास लगभग दो तिहाई बहुमत है इसलिए संसद से यह कानून आसानी से पास हो जाएगा.

  • 5/12

इस कानून को बनाने के पीछे ओली सरकार की एक ही नीयत है कि नेपाल और भारत के बीच में जो पारिवारिक संबंध है, जो खून का रिश्ता है उसे भी खत्म कर दिया जाए. भारत से राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्ते खत्म करने पर उतारू ओली सरकार अब दोनों देशों के बीच रहे पारिवारिक संबंध को खत्म करने की तरफ बढ़ रही है.

  • 6/12

नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा जैसे जिम्मेवार पद पर बैठे लोग भी यह भ्रम फैलाते हैं कि भारत में विदेशी महिलाओं को 7 साल के बाद नागरिकता दी जाती है और हमारे देश में शादी के तुरन्त बाद नागरिकता देने का प्रावधान है. हालांकि, ऐसा लगता है नेपाल के गृह मंत्री को यह जानकारी नहीं है कि 7 साल वाला नियम भारत में नेपाल के लिए नहीं बल्कि दूसरे देशों के लिए है.

Advertisement
  • 7/12

नेपाल में यह झूठ कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से वर्षों से फैलाया जा रहा है. सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पूर्व गृहमंत्री भीम रावल इस पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं कि हमारे यहां की लड़कियां जब शादी करके जाती है तो उनको 7 वर्षों तक इंतजार करना होता है. भारतीय लड़कियां नेपाल में शादी करके आती हैं तो उसे एक हाथ से मांग में सिंदूर और एक हाथ से नेपाल की नागरिकता दिया जाता है और खुश करने के लिए कभी कभी मंत्री पद भी दिया जाता है.

  • 8/12

नेपाल और भारत के बीच जो 1950 की मैत्री संधि हुई है उसके मुताबिक दोनों देश एक दूसरे के नागरिकों को अपने ही देश के नागरिक के समान व्यवहार और अधिकार देंगे. लेकिन नेपाल सरकार अब इसके उलट नया कानून बनाने जा रही है.

  • 9/12

इन सात वर्षों के भीतर उसकी पहचान के लिए एक वैवाहिक परिचय पत्र देने की योजना है. संसद की राज्य व्यवस्था समिति की अध्यक्ष और कम्युनिस्ट पार्टी की नेता शशि श्रेष्ठ के मुताबिक नये कानून के तहत भारत से शादी कर के आने वाली महिला को सामाजिक पहचान के लिए 7 वर्षों के लिए एक वैवाहिक परिचय पत्र दिया जाएगा.

Advertisement
  • 10/12

नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की योजना इससे भी खतरनाक है. उसके एक सांसद तथा पार्टी की प्रवक्ता पम्फा भुसाल ने तो संसदीय समिति की बैठक में यहां तक कहा कि नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में जो भी शादियां सरहद पार होती है उस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.

  • 11/12

सात वर्षों बाद भी भारतीय महिलाओं को उसी शर्त पर नेपाल की नागरिकता दी जाएगी जब वह भारत की नागरिकता त्यागने का प्रमाण पत्र लेकर आएगी. अगर वह 7 वर्षों बाद भी नेपाल की नागरिकता का प्रमाण पत्र हासिल कर लेती है तब भी वह नेपाल के कुछ चुनिंदा पदों पर जाने के लिए योग्य नहीं हो सकती हैं.

  • 12/12

नेपाल में नया संविधान‌ जारी होने के समय ही यहां की कम्युनिस्ट पार्टी इसको संविधान में शामिल करना चाहती थी लेकिन उस वक्त मधेशी आन्दोलन के चरम पर होने के कारण इसका समावेश नहीं किया गया था. अब चीन के इशारे पर नेपाल सरकार ऐसा करने के लिए तैयार हो गई है.

Advertisement

लेटेस्ट फोटो

Advertisement