ईरानी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि अक्षम्य गलती के लिए जिम्मेवार लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा. ईरान भयंकर गलती को लेकर खेद प्रकद करता है. वे शोक मना रहे परिवार के लिए वे दुआ करते हैं.
मिलिट्री का कहना है कि विमान ईरान की सेंसिटिव मिलिट्री साइट के पास उड़ रहा था. बयान में ये भी कहा गया है कि मिलिट्री का ज्यूडिशियल डिपार्टमेंट मामले की जांच करेगा और घटना की जवाबदेही तय की जाएगी. ईरानी मिलिट्री ने मृतक के परिवार वालों के लिए शोक जताया है.
यूक्रेन
इंटरनेशनल एयरलाइन्स के बोइंग विमान में 176 लोग सवार थे. सभी लोगों की मौत हो गई. विमान में सवार यात्रियों में सबसे अधिक (82) ईरान
के ही थे.
ईरान के 82 लोगों के साथ 63 कनाडाई, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफनागिस्तान के 4, जर्मनी के 3 और यूके के 3 लोग सवार थे.
ऐसा समझा जा रहा था कि अमेरिकी ठिकानों पर अटैक के बाद ईरान अपनी सुरक्षा
को लेकर चिंतित है. उसे अमेरिका की ओर से हमला किए जाने का डर है. इसी डर की वजह से उसने गलती की और दुश्मन का विमान समझकर यात्री विमान को निशाना बना दिया.
बता दें कि अपने ही एयरक्राफ्ट को गिराने की घटना पहले भी हो चुकी है. बालाकोट में भारत की ओर से की गई स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारत में घुस आए थे. जवाबी कार्रवाई करने के दौरान भारतीय वायुसेना ने गलती से अपने ही एक हेलिकॉप्टर पर मिसाइल दाग दिया था. हेलिकॉप्टर क्रैश में भारतीय वायुसेना के कई अधिकारियों की मौत हो गई थी.
फ्लाइट रडार 24 के मुताबिक, बुधवार को यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइन की फ्लाइट
ने सुबह 6.12 बजे ईरान की राजधानी तेहरान से यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए उड़ान भरी थी. इसके कुछ
देर बाद ही विमान क्रैश हो गया.
शुरुआत में ईरान और यूक्रेन ने क्रैश के पीछे हमले की आशंका को आधिकारिक तौर से खारिज कर दिया था. हादसे का शिकार हुआ विमान 4 साल से भी कम पुराना था और 2 दिन पहले ही इसकी सुरक्षा जांच भी की गई थी.
इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उन्हें इंटेलिजेंस से ऐसी जानकारी मिली है कि यूक्रेन के विमान पर ईरानी मिसाइल से हमला किया गया. ट्रूडो ने यह भी कहा था कि हो सकता है कि विमान पर अटैक गलती से किया गया हो.
कनाडा के विदेश मंत्री फ्रैंकोइस फिलिपे ने ईरान को चेतावनी दी थी. फिलिपे ने कहा था कि दुनिया ईरान को देख रही है. जिन लोगों के परिवार वाले हादसे के शिकार हुए हैं वे सच जानना चाहते हैं. कई और देशों ने भी ईरान पर संदेह जाहिर किया था.
गुरुवार को कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जिससे पता चल रहा था कि ईरान क्रैश साइट से मलबे को हटा रहा है. इससे इस बात को बल मिलने लगा था कि ईरान अंतरराष्ट्रीय जांच से पहले ही सबूत मिटा रहा है.
हालांकि, शुरुआत में ईरान ने कहा था कि विमान तकनीकी खामी की वजह से क्रैश हुआ. लेकिन ईरान ने यह भी कहा था कि वह यूक्रेन, कनाडा और अमेरिका के एयर एक्सिडेंट एजेंसियों को जांच करने में पूरी तरह सहयोग करेगा.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि तेहरान के आसमान में एक मिसाइल प्लेन से टकरा रही है. इसके बाद प्लेन उड़ती दिखती है, लेकिन उसमें आग लग चुकी होती है.
यात्री विमान पर इससे पहले भी मिसाइल अटैक की कुछ घटनाएं सामने आ चुकी हैं. जुलाई 2014 में रूसी निर्मित एक मिसाइल ने मलेशिया के विमान को यूक्रेन के ऊपर निशाना बनाया था. इस दौरान MH17 फ्लाइट में सवार सभी 298 लोगों की मौत हो गई थी.
बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव युद्ध की ओर तब बढ़ने लगा था जब तीन जनवरी को अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद में एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था. इस हमले में ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मार दिया गया था. अमेरिका ने सुलेमानी को अमेरिका का दुश्मन और आतंकी बताया था.
सुलेमानी की मौत के बाद इराक में अमेरिकी दूतावास पर भी रॉकेट से हमला किया गया था. इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के भीतर रॉकेट दागे गए, जिसके बाद अफरातफरी मच गई थी.
जनरल सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने इराक में मंगलवार को अमेरिकी ठिकानों पर अटैक भी किया था. ईरान ने दर्जन भर से ज्यादा बैलेस्टिक मिसाइल दागे. हालांकि, अमेरिका ने कहा था कि हमले में उसने सैनिकों की जान नहीं गई है.