कोटा के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत स्वामी ने जेएनयू में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों को लेकर एक आरटीआई लगाई थी. इस आरटीआई में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जेएनयू में पढ़ने वाले 82 छात्रों की राष्ट्रीयता की जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी नहीं है. (File Photo: PTI)
सुजीत स्वामी ने बड़ा खुलासा किया है, जिसमें विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विदेशी छात्रों की नागिरकता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. कभी NRC तो कभी CAA, कभी आर्टिकल- 370 तो कभी मोदी सरकार की नीतियों के फैसले पर राजनीति का अखाड़ा बन चुके जेएनयू के पास अपने ही छात्रों का संपूर्ण डाटा उपलब्ध नहीं है.
सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत स्वामी ने जेएनयू को लेकर ये आरटीआई दिसंबर महीने में लगाई थी, जिसका जवाब 14 जनवरी को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सुजीत स्वामी को भेजा है. उन्होंने बताया है कि 301 विदेशी स्टूडेंट जेएनयू में पढ़ रहे हैं, जिसमें से सबसे ज्यादा उत्तरी कोरिया के स्टूडेंट शामिल है. यह स्टूडेंट 48 अलग-अलग देशों के हैं और 78 कोर्सेज में इन्होंने एडमिशन लिया हुआ है.
जेएनयू में 8805 स्टूडेंट पढ़ रहे हैं, जिनमें से महज 14 फीसदी यूजी कोर्सेज में है, जिनकी संख्या 1264 है. वहीं, एम. फिल या पीएचडी कोर्सेज में सबसे ज्यादा हैं, जिनकी संख्या 4251 स्टूडेंट है. इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में 2, 877 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. 282 स्टूडेंट पार्ट टाइम और 131 एमटेक और एमपीएच कोर्स में है. लेकिन, इनमें से 82 छात्रों की नागरिकता का कोई भी डाटा विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध नहीं है.
सुजीत स्वामी ने अपनी आरटीआई में 4 सवाल पूछे थे, पहला था कि जेएनयू में कितने स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं दूसरा किस-किस कोर्स में पढ़ रहे हैं. भारत के बाहर के देशों के कितने स्टूडेंट यहां पर पढ़ रहे हैं और यह कौन से देश और कोर्स के हैं. सुजीत स्वामी अब आगे जेएनयू की आरटीआई रिपोर्ट को प्रधानमंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों तक पत्र के माध्यम से पहुंचाएंगे.
विदेशी स्टूडेंट का डाटा
नॉर्थ कोरिया के 35
नेपाल के 25
चाइना के 24
अफगानिस्तान के 21
जापान के 16
जर्मनी के 13
यूएसए के 10
सीरिया के 7
बांग्लादेश के 7
जिनकी राष्ट्रीयता के बारे में जानकारी नहीं- 82