लॉकडाउन के दौरान कई ऐसी कहानियां सामने आई हैं. जिसे सुनकर और देखकर आप हैरान रहे जाएंगे. उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अनोखी शादी देखने को मिली है. जहां पर फुटपाथ पर खाना बांटने के दौरान एक युवक को भीख मांगकर खाने वाली लड़की से प्यार हो गया और दोनों ने शादी कर ली. इस शादी में कई लोग मौजूद थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया.
(Photo Aajtak)
समय कब, किसका, कहां, कैसे बदल जाए किसी को नहीं पता होता. गरीबी की वजह से फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठने वाली नीलम को जो युवक रोज खाना बांटता था. उसी युवक ने नीलम के साथ सात फेरे लेकर उसकी मांग भरी और सात जन्मों के लिए उसे अपनी दुल्हन बना लिया. सामाजिक सोच बदलने वाली इस शादी के बारे में जिसने भी सुना वो हैरान रह गया.
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नीलम के पिता नहीं हैं, मां पैरालिसिस से पीड़ित है. भाई और भाभी ने मारपीट कर घर से भगा दिया था. नीलम के पास गुजारा करने के लिए कुछ नहीं था. इसलिए वो लॉकडाउन में खाने लेने के लिए फुटपाथ पर भिखारियों के साथ लाइन में बैठती थी. अनिल अपने मालिक के साथ रोज सबको खाना देने आता था. इसी दौरान अनिल को जब नीलम की मजबूरियों का पता चला तो उसे उससे प्यार हो गया. फिर क्या भिखारी की लाइन से निकलकर नीलम सात जन्मों के लिए उसकी हमसफर बन गई.
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अनिल एक प्रापर्टी डीलर के यहां ड्राइवर है उसका अपना घर है. माता-पिता, भाई सब हैं, जबकि नीलम की जिंदगी फुटपाथ पर भीख मांगकर चलती थी. उसे तो ये भी उम्मीद ही नहीं थी कि कोई उससे भी शादी कर सकता है. इस शादी को कराने में अनिल के मालिक लालता प्रसाद का सबसे बड़ा योगदान रहा. अनिल जब दिन में खाना बांटकर आता था, तो उनसे नीलम के बारे में बातें करता. लालता भी उसकी भावना समझ गए. इसके बाद लालता प्रसाद ने अनिल के पिता को शादी के लिए राजी किया और दोनों की शादी करा दी.
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लालता प्रसाद का कहना है कि अनिल खाना बांटने हमारे साथ जाता था फिर उसे उस लड़की से लगाव हो गया. मुझसे इस बारे में अनिल ने चर्चा की तो मैंने इसे रात में भी खाना देने को कहा. फिर अनिल खुद खाना बनाकर देने जाने लगा. इसके बाद मैंने अनिल के पिता को राजी किया फिर दोनों की शादी करवा दी. भगवान की कृपा से दोनों बेटा-बेटी खुश हैं.
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