भारत में अभी टिड्डियों का हमला खत्म नहीं हुआ है. संयुक्त राष्ट्र की एक बड़ी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगले दो हफ्तों में टिड्डियों का एक बड़ा हमला फिर भारत में हो सकता है. टिड्डियों का यह हमलावर दल भारत के पश्चिमी छोर से करीब 4 हजार किलोमीटर दूर से आ रहा है. यह उस देश से आ रहा है जहां के समुद्री लुटेरे दुनियाभर में कुख्यात हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एजेंसी फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) ने चेतावनी दी है कि अफ्रीकी देश सोमालिया से टिड्डियों का एक बड़ा समूह उत्तर-पूर्व की तरफ निकला है. यह दल दो हफ्ते में भारत और पाकिस्तान की सीमा में पहुंच जाएगा. (फोटोः FAO)
ये भारत और पाकिस्तान सीमा के दोनों तरफ अपना प्रजनन केंद्र स्थापित करेंगे. यहां पर प्रजनन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ये अगली जगह चले जाएंगे. लेकिन इस दौरान ये जिस इलाके में रहेंगे, उस इलाके में फसलें बर्बाद हो जाएंगी. (फोटोः रॉयटर्स)
FAO ने कहा है कि पाकिस्तान की स्थिति तो और बुरी होने वाली है. क्योंकि पाकिस्तान में थरपकर और चोलिस्तान रेगिस्तान में इस समय बारिश हो रही है. इसी इलाके में टिड्डियों का दल प्रजनन करेगा. अपना ठिकाना बनाएगा. इसके आसपास के जिलों में आफत आ जाएगी. (फोटोः रॉयटर्स)
जहां तक बात रही भारत की तो FAO के मुताबिक सोमालिया से आ रहे टिड्डियों का यह दल राजस्थान और उसकी सीमाओं से सटे इलाकों में हमला कर सकता है. शुरुआती तैयारी की जाए तो फसलों को बचाया जा सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)
पिछली बार FAO ने जब चेतावनी दी थी, उसके बाद भारत और पाकिस्तान पर टिड्डियों के हमले में काफी बर्बादी हुई थी. टिड्डियों का दल पूर्व से उत्तर को ओर गया था. अब मॉनसून आने की वजह से उनके वापस आने की आशंका जताई जा रही है. (फोटोः रॉयटर्स)
सोमालिया से आ रहा टिड्डियों का दल राजस्थान में ईरान और पाकिस्तान से आ रहे स्थानीय टिड्डी दलों के समूहों के साथ मिलेगा. सोमालिया से आ रहे इस समूह को हॉर्न ऑफ अफ्रीका कहा जा रहा है. मॉनसूनी बारिश और यह सीजन इन टिड्डियों के प्रजनन के लिए सबसे उपयुक्त समय है. (फोटोः रॉयटर्स)
भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों तरफ मॉनसून पूर्व प्रजनन शुरू हो चुका है. ये जुलाई के अंत तक चलता है. इसके बाद अगस्त के पहले और दूसरे हफ्ते में टिड्डियों द्वारा प्रजनन का नया दौर शुरू होता है. यह समय होगा जब भारत और पाकिस्तान में टिड्डियों का अगला हमला होगा. (फोटोः रॉयटर्स)
वर्ल्ड मेटेरियोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) ने कहा कि चक्रवाती तूफानों, मॉनसून, तेज हवाओं की वजह से टिड्डियों के दलों की अंतर-महाद्वीपीय आवाजाही बढ़ गई है. पूर्वी अफ्रीका से लेकर भारत और पाकिस्तान तक इनका हमला होता रहता है. (फोटोः रॉयटर्स)
इस साल भारत में सबसे बुरा टिड्डियों का हमला हुआ. इस हमले में राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के करीब 24 जिले प्रभावित हुए. (फोटोः रॉयटर्स)