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समलैंगिक मां, फैमिली को नहीं मिलती थी इज्जत, बेटी बनी PM

aajtak.in
  • 10 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST
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वह सिर्फ 34 साल की हैं, लेकिन उन्हें फिनलैंड के प्रधानमंत्री के पद के लिए चुन लिया गया है. सना मरीन 57 साल के प्रधानमंत्री एन्टी रिने की जगह लेने वाली हैं. महिला होने के बावजूद इतने कम वक्त में राजनीति के शीर्ष पर पहुंचने वालीं सना का बचपन शानदार नहीं रहा था और वह कई चुनौतियों से जूझी थीं.

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सना मरीन बचपन में किराए के घर में मां के साथ रहती थीं. बाद में उनकी मां एक महिला के संग समलैंगिक रिश्ते में आ गई थीं. इसकी वजह से समाज सना के परिवार को इज्जत नहीं देता था.

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फिनलैंड के मैगजीन menaiset.fi को दिए इंटरव्यू में सना ने कहा था- 'मैं अपने परिवार के बारे में खुलकर बात नहीं कर पाती थी. इसकी वजह से मैं खुद के अस्तित्व को महसूस नहीं करती थी. मैं खुद को अयोग्य मानने लगी थी.'

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सना दोस्तों के साथ बाहर एन्जॉय नहीं कर पाती थी. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी. सना अपने परिवार में यूनिवर्सिटी की पढ़ाई करने वाली पहली लड़की थी. सना ने कहा कि उनकी मां काफी मददगार रहीं और उन्होंने विश्वास दिलाया कि मैं जो करना चाहती हूं, कर सकती हूं.

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सना मरीन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता के तौर पर फिनलैंड के पीएम पद के लिए चुनी गई हैं. इस मौके पर उन्होंने कहा- 'मैंने अपनी उम्र और अपने जेंडर के बारे में कभी नहीं सोचा. मैंने हमेशा उन चीजों के बारे में सोचा है जिनकी वजह से मैं राजनीति में आई और लोगों का विश्वास जीता.'

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