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म्यांमार: दिन में सड़कों पर सेना की गोली से मरते रहे लोग, रात में आर्मी चीफ ने की पार्टी

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST
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म्यांमार में चुनी हुई सरकार का तख्तापलट करने के बाद वहां की सेना शनिवार को आर्म्ड फोर्सेज डे मना रही थी. इस मौके पर सेना की तरफ से लोगों को सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन नहीं करने की चेतावनी दी गई थी. लोगों ने इस चेतावनी को नहीं माना और सेना के तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतरे जिसके बाद सेना ने कार्रवाई करते हुए 90 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इन सभी को गोली मारी गई.

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हैरान करने वाली बात ये है कि जब म्यांमार की जनता सेना के शासन के खिलाफ सड़कों पर थी और उनपर गोलियां बरस रही थीं और वो दम तोड़ रहे थे. उसी रात को म्यांमार सेना के प्रमुख मिन आंग लाइंग और उनके जनरल्स भव्य पार्टी का आनंद ले रहे थे.

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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह जब सेना की गोलियों से मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था तो उस वक्त भी सेना उसमें दखल देने की कोशिश कर रही थी. हालांकि एक दिन में इतने लोगों के मारे जाने के बाद भी लोग लगातार सेना के खिलाफ विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं.

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बता दें कि फरवरी महीने में हुए तख्तापलट के बाद शनिवार का दिन म्यांमार की जनता के लिए सबसे हिंसक रहा. फरवरी से लेकर अबतक वहां सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सेना प्रदर्शनकारियो को या तो सिर में या पीठ में गोली मार रही है.

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शनिवार को 90 ज्यादा से लोगों के मारे जाने के बाद कई देशों ने संयुक्त बयान जारी कर म्यांमार सेना की बर्बरता की आलोचना की. जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया कि किसी भी देश की पेशेवर फौज अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है और उनका काम अपने देश के आम नागरिकों की सुरक्षा करना होता है हत्या करना नहीं.

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शनिवार को म्यांमार सेना की दमनकारी कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियों गुटरेश ने कहा कि उन्हें यह सुनकर गहरा सदमा लगा है. वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने इसे म्यांमार सेना के स्तर में गिरावट का नया उदाहरण बताया. करीब 12 देशों ने म्यांमार की सेना द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा की है.

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