अगर कोई नई बाधा सामने नहीं आई तो निर्भया के हत्यारों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा. इसके लिए दिन-रात तैयारियों में जुटे तिहाड़ जेल महानिदेशालय ने यूपी सरकार से बात कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पवन जल्लाद कम से कम दो दिन पहले यानी 20 जनवरी तक जेल में अनिवार्य रूप से पहुंच जाए.
ये तमाम खुलासे तिहाड़ जेल महानिदेशालय के एक आला अफसर ने शनिवार को किया. उनके मुताबिक, जेल प्रशासन को डेथ वारंट पर अमल के वास्ते जो कुछ तैयारियां करनी थीं, वे सब पूरी हो चुकी हैं.
चारों मुजरिमों को एक साथ फंदे पर लटकाने के लिए एक कुआं (तहखाना) और एक
तख्ता, पुराने फांसीघर में ही नया तैयार करा लिया गया है. तिहाड़ जेल में
अब तक एक साथ सिर्फ दो लोगों को ही फांसी पर लटकाए जाने का इंतजाम था.
जेल के अधिकारियों के मुताबिक, "रस्सियों का बंदोबस्त भी हो चुका है. फांसी
दिलवाने के वक्त टीम में जिन अधिकारियों और डॉक्टरों को शामिल होना है,
उनके नाम पर भी अंतिम मुहर लगा दी गई है."
उन्होंने कहा कि फांसी के बाद चारों मुजरिमों के शव पोस्टमॉर्टम के
लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के फॉंरेसिक साइंस विभाग से भी जल्दी ही
संपर्क कर तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी, ताकि फांसीघर से
पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुंचे शवों का पोस्टमॉर्टम पैनल द्वारा कम से कम समय
में कराके शवों को वारिसान के हवाले किया जा सके.
दिल्ली राज्य स्वास्थ्य निदेशालय के एक आला-अफसर ने नाम जाहिर न करने
की शर्त पर बताया, "निर्भया के हत्यारों के फांसी लगे शवों के पोस्टमॉर्टम
पैनल में शामिल किए जाने वाले एक्सपर्ट्स (फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञ)
कौन-कौन होंगे, यह दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य निदेशालय तय करेगा."
उन्होंने कहा, "चूंकि दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल
तिहाड़ जेल से सबसे नजदीक और सरकारी अस्पताल है, और उसका अपना फॉरेंसिक
साइंस विभाग और पोस्टमॉर्टम हाउस भी है, इसलिए निर्भया के हत्यारों का
पोस्टमॉर्टम यहीं कराए जाने की पूरी-पूरी उम्मीद है."
तिहाड़ जेल महानिदेशालय द्वारा उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय को लिखी गई
चिट्ठी में भी आग्रह किया गया है कि वह जल्लाद को 20 जनवरी को सुबह-सुबह
तिहाड़ जेल मुख्यालय भिजवाया जाना सुनिश्चित करे, ताकि जल्लाद को फांसी से
पहले अपने स्तर पर जो कुछ जांचना-परखना हो, वो सब वह वक्त रहते देख-परख ले.
जल्लाद को मेरठ से तिहाड़ जेल मुख्यालय तक यूपी सरकार भेजेगी या फिर तिहाड़
जेल प्रशासन ही उसे लाने का इंतजाम करेगा? पूछे जाने पर दिल्ली के जेल
महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, "मेरठ दूर नहीं है. जल्लाद को सुरक्षित लाने
ले जाने का इंतजाम हो जाएगा."
जेल महानिदेशक ने एक सवाल के जबाब में कहा, "जल्लाद को दिल्ली में सुरक्षित
जगह पर ठहराने का इंतजाम तिहाड़ जेल को करना है. हमारे पास आने पर हमारी
(तिहाड़ जेल महानिदेशालय) की जिम्मेदारी होगी कि उनकी (जल्लाद) सुरक्षा,
रहने और खाने का इंतजाम हम करें."
दूसरी ओर, आईएएनएस ने जब फोन पर मेरठ में मौजूद जल्लाद पवन से बात की तो वह
बात करने से कन्नी काटने लगा. पवन ने कहा, "मीडिया वाले इंटरव्यू लेकर
अपनी मर्जी से उल्टा-पुल्टा छाप रहे हैं. मेरे बारे में अनाप-शनाप लिख रहे
हैं, इसलिए मैंने मीडिया से बात करना तकरीबन बंद कर दिया है."
हालांकि दूसरी ओर मेरठ जेल के सूत्रों ने बताया, "जबसे दिल्ली जेल
महानिदेशालय ने जब यूपी जेल महानिदेशालय को पत्र लिखकर पवन को दो दिन पहले
तिहाड़ भेजने को कहा, तभी से जेल विभाग द्वारा पवन को बेहद चौकन्ना रहने की
हिदायत दे दी गई है.
यूपी जेल महकमे ने ही उसे मीडिया से बचने का भी इशारा कर दिया है. इसीलिए
अब तक बेबाकी से बोलने वाला पवन मीडिया से बात करने में आंख चुराने लगा है.
बता दें कि निर्भया कांड के 4 दोषियों में से 2 दोषियों ने मौत की सजा के खिलाफ
सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है. सुप्रीम कोर्ट दोषियों की
क्यूरेटिव याचिका पर 14 जनवरी को विचार करने की तैयारी में है.
सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों का पीठ मामले की सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट
के मुताबिक जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन,
जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच क्यूरेटिव पिटीशन पर
सुनवाचैंबर में विचार करेगी.