रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ का पाकिस्तान दौरा इन दिनों चर्चा में है क्योंकि उन्होंने पहले भारत की यात्रा की और फिर पाकिस्तान गए. पाकिस्तान की इमरान सरकार रूसी विदेश मंत्री के दौरे को अपनी कूटनीतिक जीत के तौर पर महिमा मंडित कर रही है. जबकि रूस पाकिस्तान को अपने भारी-भरकम हथियार उद्योग के लिए एक संभावित ग्राहक के तौर पर देख रहा है. इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान बीते कई सालों से रूस से एसयू 35 फाइटर जेट खरीदने की कोशिश कर रहा जिसमें भारत से रूस के करीबी रिश्तों की वजह से उसे नाकामी ही झेलनी पड़ी है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस और पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही में पाकिस्तान आर्मी चीफ बाजवा का भारत के साथ शांति का संदेश इसी योजना का हिस्सा है. पाकिस्तान का मानना है कि रूस और भारत के स्थायी और मजबूत संबंध उसके एसयू-35 लड़ाकू विमान सौदे में बाधक बन जाता है.
इस फाइटरजेट को खरीदेने के लिए पाकिस्तान किस कदर संजीदा है उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वहां के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा पूर्व में रूस का दौरा तक कर चुके हैं. वो 24 अप्रैल 2018 को मॉस्को गए थे.
दरअसल पाकिस्तान के एसयू-35 लड़ाकू विमानों को खरीदना की इच्छा को रूस की हथियार कंपनियां भुनाना चाहती हैं लेकिन इसके लिए उन्हें रूसी सरकार से मंजूरी लेनी होगी. वहीं रूस भारत जैसे बड़े हथियार खरीददार और पुराने दोस्त को नाराज भी नहीं करना चाहता है. यही वजह है कि रूसी अधिकारी ये कहते रहे हैं कि पाकिस्तान को लड़ाकू विमान बेचने के लिए कोई बातचीत नहीं हो रही है. जबकि सच्चाई ये है कि 2018 में रूसी पायलटों को पाकिस्तान में एसयू-35 उड़ाते हुए देखा गया था जिस पर सफाई भी दी गई थी.
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर पाकिस्तान रूस से एसयू-35 फाइटर जेट को खरीदने में सफल हो जाता है तो ये दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन में बदलाव ला सकता है. बता दें कि भारत 4.5 जेनरेशन का फाइटरजेट राफेल खरीद चुका है और एशिया में किसी भी देश के पास इससे मुकाबला करने की क्षमता नहीं है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर एसयू-35 फाइटर जेट की खूबी और क्षमता क्या है जो यह शक्ति संतुलन को बदलने का माद्दा रखता है.
एसयू-35 दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है जो एक बार में काफी लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है. इसका प्रदर्शन बेहद शानदार माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर यह फाइटर जेट पाकिस्तान को मिल जाता है तो वो किसी भी मुकाबले के लिए तैयार रह सकता है और अरब सागर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सकता है. पाकिस्तान की सेना अभी पुराने हो चुके मिराज विमानों से काम चला रही है जिसकी क्षमता इतनी नहीं है.
एसयू-35 को रूस के सुखोई फाइटर जेट का लेटेस्ट वर्जन माना जाता है और यह चौथे जेनरेशन का विमान है. सुखोई Su-35 लड़ाकू विमान एक बार में 4,500 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है और इसकी अधिकतम स्पीड 2,800 किलोमीटर प्रति घंटे है. अतिरिक्त बाहरी ईंधन टैंक के साथ, यह हवा में ही रिफ्यूलिंग में भी सक्षम है.
इन-फ्लाइट ईंधन भरने की क्षमता की वजह से इसे अमेरिका के एफ -35 फाइटर जेट्स के समकक्ष माना जाता है. Su-35 में थ्रस्ट-वेक्टरिंग इंजन इरबिस पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली एरे (PESA) रडार और "ग्लास" कॉकपिट जैसी सुविधा है. इसमें ऐसी मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है दुश्मन के ठिकाने को बिना देखे यानी की काफी दूर से ही तबाह कर सकता है. इसमें राफेल जैसी कई सुविधाएं हैं.