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IMF ने कहा- बिजली दर बढ़ाओ और कर्ज चुकाओ, PAK ने 'जोड़े हाथ'

aajtak.in
  • 12 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST
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आर्थिक बदहाली और भीषण महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से कहा है कि उसके लिए बिजली दरों को और बढ़ाना संभव नहीं है. आईएमएफ की बिजली दरें बढ़ाने की मांग को नामंजूर करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि महंगाई पहले से ही रिकार्ड स्तर पर है. ऐसे में लोगों पर और बोझ डाल पाना संभव नहीं है.

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'द नेशन' की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि पाकिस्तान ने आईएमएफ को आश्वस्त किया है कि वह बिजली दरों को बढ़ाने का कोई विकल्प पेश करेगा. आईएमएफ के प्रतिनिधिमंडल की ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह बातें रखी गईं. अधिकारियों ने आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल को ऊर्जा मंत्रालय के प्रदर्शन और सुधार कार्यक्रमों की जानकारी दी.

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अधिकारियों ने आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल से कहा कि सरकार बिजली दरों में संयोजन की एक नई व्यवस्था बनाने पर काम कर रही है जिससे अगले डेढ़ साल तक बिजली दरें बिना बढ़ाए कोई रास्ता निकल सके.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि सूत्रों ने बताया कि आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल ने बिजली दरें नहीं बढ़ाने की इस बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. आईएमएफ अधिकारियों की पाकिस्तानी अधिकारियों से वार्ता अभी जारी हैं. इनके संतोषजनक रहने पर आईएमएफ 45 करोड़ डॉलर कर्ज की तीसरी किश्त जारी करेगा.

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इससे पहले, पाकिस्तान मौजूदा वित्त वर्ष के सात महीनों में कर संग्रह में आई कमी को दूर करने के लिए कर दरों को बढ़ाने के आईएमएफ के प्रस्ताव को पहले ही नामंजूर कर चुका है. सरकार का कहना है कि कर दरों और बिजली दरों को बढ़ाने से आम लोगों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा जो पहले से ही महंगाई की तगड़ी मार झेल रहे हैं.

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