भारतीय टीम ने महिला टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर इतिहास रच दिया है. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाने वाला सेमीफाइनल मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो गया है. इसी के साथ टीम इंडिया पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई है.
इस पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा जिस खिलाड़ी की चर्चा हो रही है वो हैं टीम इंडिया की शेफाली वर्मा. शेफाली ने लगभग हर मैच में छक्कों की बरसात की.
(Photos: ICC & BCCI)
सिर्फ 16 की उम्र में टीम इंडिया की सुपरस्टार बनकर उभरीं शेफाली वर्मा
हाल ही में आईसीसी टी-20 रैंकिंग में नंबर एक महिला खिलाड़ी बनी हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था
जब हरियाणा के रोहतक की रहने वाली शेफाली वर्मा को लड़का बनकर खेलना पड़ा था.
दरअसल,
एक छोटी से जगह से निकली शेफाली वर्मा का टीम इंडिया तक का सफर कतई आसान
नहीं था. उनके होम टाउन में लड़कियों के लिए कोई खेल एकेडमी नहीं थी और
लड़कों की एकेडमी ने उन्हें खिलाने से मना कर दिया था.
इसके बाद
उनके पिता ने यह फैसला लिया कि शेफाली बाल छोटे-छोटे कटवाकर लड़कों की
एकेडमी में ही क्रिकेट खेलेगी. कई सालों तक शेफाली लड़का बनकर क्रिकेट खेलती
रही. शेफाली के पिता संजीव वर्मा की रोहतक में ज्वैलरी की दुकान है.
उन्होंने एक बार बताया था कि यह सफर आसान नहीं रहा, कई बार लोग ताना भी
मारते थे.
हाल ही में ICC ने भी शेफाली वर्मा से बातचीत का एक
वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में शेफाली अपने क्रिकेटर बनने और शुरुआती
परेशानियों पर बात कर रही हैं. शेफाली बताती हैं कि उनके पिता भी पहले
क्रिकेट खेलते थे. लेकिन उन्हें समर्थन नहीं मिला और वे अपना सपना पूरा
नहीं कर पाए.
इसके बाद शेफाली के पापा ने ठान लिया कि अब बच्चों को
क्रिकेटर बनाया जाएगा, और शेफाली की प्रैक्टिस शुरू हो गई. शेफाली का कहना
है कि शुरुआती एक-दो साल उनके पिता ने ही उन्हें और उनके भाई को प्रैक्टिस
करवाई. शेफाली लड़कों के साथ खेलती थीं और इस कारण उन्हें अपने बाल कटवाने
पड़े थे.
शेफाली बताती हैं कि लड़कों के साथ खेलती थी. कई बार
लड़के मुझसे कहते थे कि ये लड़की है या ये क्या खेलेगी, लेकिन प्रैक्टिस
लगातार जारी रही.
शेफाली ने बताया कि संघर्ष बहुत कठिन रहा. काफी
समय बाद उन्हें लड़कियों के लिए एकेडमी मिली. इसके बाद उन्होंने सुबह-शाम
खेलना शुरू किया. उन्हें लड़कों के साथ प्रैक्टिस भी कराई गई.
अंततः शेफाली और उनके पिता संजीव वर्मा की मेहनत रंग लाई. पिछले साल भारतीय
महिला क्रिकेट टीम में सबसे कम उम्र 15 साल में टी-20 इंटरनेशनल डेब्यू
करने वाली शेफाली ने अपने पहले ही मैच प्रभावित कर दिया था.
दिलचस्प
बात यह है कि शेफाली को क्रिकेट खेलने का जूनून उस वक्त लगा जब 2013 में
हरियाणा में सचिन तेंदुलकर अपना आखिरी रणजी मैच खेलने आए थे. वे सचिन
तेंदुलकर को अपना रोल मॉडल भी मानती हैं.
(Photo: @TheShafaliVerma)
इसके बाद शेफाली ने पीछे
मुड़कर नहीं देखा. मौजूदा महिला टी-20 वर्ल्ड कप में शेफाली ने अब तक इस कदर
बल्ला चलाया है कि हर कोई हैरान है. शेफाली की तूफानी शुरुआत से भारतीय
टीम को लगभग हर मुकाबले में फायदा पहुंचा है. और इसी की बदौलत टीम इंडिया
पहली बार फाइनल में पहुंच गई है.
शेफाली की मेहनत का फल हाल ही में
उन्हें तब मिला जब वे महिला टी-20 की नंबर-1 बल्लेबाज बनीं. आईसीसी द्वारा
जारी बल्लेबाजों की रैंकिंग में शेफाली ने 19 स्थानों की छलांग लगाई है और
वह शीर्ष पर जा पहुंची हैं.
अपनी बेखौफ बल्लेबाजी के लिए मशहूर हो
चुकीं शेफाली नवंबर 2019 में भी तब चर्चा में आईं थीं जब उन्होंने
वेस्टइंडीज के खिलाफ 49 गेंदों में 73 रन की तूफानी पारी खेलकर
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम उम्र में अर्धशतक बनाकर सचिन तेंदुलकर
के रिकॉर्ड को तोड़ा था.
शेफाली वर्मा मैदान में ही नहीं ड्रेसिंग
रूम में भी सबकी फेवरिट बन गई हैं. भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने
टीम के इस स्टार ओपनर की जमकर तारीफ की है. उनका कहना है कि टीम को ऐसे ही
खिलाड़ियों की जरूरत है.
(Photo: @TheShafaliVerma)
कप्तान के अलावा अन्य खिलाड़ियों के साथ भी
शेफाली वर्मा की जबरदस्त बॉन्डिंग देखने को मिलती है. मैदान के अनादर और
बाहर भी शेफाली और अन्य खिलाड़ियों की तस्वीरें खूब वायरल होती रहती हैं.
(Photo: @TheShafaliVerma)
इस टूर्नामेंट में अब तक शेफाली वर्मा कमाल की बल्लेबाजी कर रही हैं और उन्होंने पिछले चार मैचों में अब तक 161 रन बनाए हैं. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अपने कड़ी मेहनत की बदौलत शेफाली ने बहुत कम समय में टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है.
(Photos: ICC & BCCI)