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क्या अकूत सोने की वजह से शहर का नाम पड़ा सोनभद्र, ये है सच्चाई

कुणाल कौशल
  • 23 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST
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तीन हजार टन से भी ज्यादा सोने के धरती के अंदर दबे होने की जानकारी बाहर आते ही यूपी का सोनभद्र अचानक पूरी दुनिया में सुर्खियों में आ गया है. हालांकि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने शनिवार को कहा कि खदान में 3000 टन नहीं, बल्कि सिर्फ 160 किलो सोना है. बहरहाल, सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस इलाके में भारी मात्रा में सोना पाए जाने की वजह से ही इसका नाम सोनभद्र रखा गया था.

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सोने का विशाल भंडार होने की जानकारी मिलने के बाद यूपी सरकार उस खदान के खनन की कार्रवाई शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम को करीब 15 साल पहले ही यहां भारी मात्रा में सोना होने के संकेत मिल गए थे जिसके बाद यहां खोज का काम शुरू कर दिया गया था.

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सोनभद्र जिले का नाम सोनभद्र क्यों पड़ा और क्या इसका सोने से कोई संबंध है इस सवाल पर इतिहासकारों का कहना है कि उस इलाके में सोन नदी होने की वजह से जिले का नाम सोनभद्र पड़ा. इतिहासकारों के मुताबिक सोन नदी का नाम भी सोन इसलिए पड़ा था क्योंकि इसमें सोने के अंश मिलता रहते हैं.

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विशेषज्ञों के मुताबिक इस इलाके में पहाड़ के चट्टानों में सोना पाया जाता है जिस वजह से यहां की नदियों में सोने के अंश मिलते रहते हैं क्योंकि जब ये चट्टानें टूटती हैं और नदी के संपर्क में आती हैं तो वो उनमें टूटकर बिखर जाती हैं.

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सोनभद्र को लेकर लोग मानते रहे हैं कि इस इलाके में सोने के अलावा और भी कई महत्वपूर्ण अयस्क और मूल्यवान धातु पाए जाते हैं. शायद यही वजह है कि यूपी के इस शहर को औद्योगिक जिला भी कहा जाता है. यहां कई बिजली उत्पादन संयंत्र लगे हुए हैं.

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जानकारों के मुताबिक सोनभद्र में एक जगह है जिसका नाम सोनकोरवा है. वहां भी भारी मात्रा में सोना पाया जाता है और स्थानीय लोगों ने कई बार उसे निकालने की कोशिश भी की है. हालांकि स्थानीय लोग 20 फीट तक ही खोद पाए थे और उसमें जितना सोना मिला उसे अपने पास रख लिया.

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बता दें सोनभद्र में सोने के अलावा यूरेनियम मिलने की संभावना जताई जा रही है. इसके लिए सर्वे शुरू हो गया है. इसके मद्देनजर म्योरपुर ब्लॉक स्थित कुदरी पहाड़ी पर सर्वे के लिए खुदाई भी शुरू कर दी गई है. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम हेलीकॉप्टर के माध्यम से ऐरोमैग्नेटिक सिस्टम के जरिए कुदरी का सर्वे तेजी से कर रही है. इसके अलावा यहां से सटे पड़ोसी राज्यों में भी इसका सर्वे हो रहा है.

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सोनभद्र के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया "सर्वे टीम को सोना दो पहाड़ियों में मिला है. यूरेनियम का सर्वे चल रहा है. कुदरी पहाड़ी क्षेत्र में एरियल सर्वे चल रहा है. अभी इस मामले में वृहद जानकारी दी जाएगी. वहां पर यूरेनियम मिलने का अनुमान लगाया गया है."

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लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान विभाग के प्रो. ध्रुवसेन ने बताया , "सोनभद्र की पहाड़ियों में यूरेनियम मिलता है लेकिन उसका कंस्ट्रेशन कितना है यह जानना जरूरी है. यूरेनियम जिस देश में होता है, वह आर्थिक रूप से सुदृढ़ होता है.

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उन्होंने बताया कि ऊर्जा की खपत जिस देश में ज्यादा होती है, उसे विकासित माना जाता है. इसीलिए पेट्रोलियम पदार्थ के अलावा अन्य श्रोतों पर ध्यान दिया जा रहा है. अगर यूरेनियम अधिक मात्रा में मिल गया, तो इससे देश बहुत मजबूत होगा."

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