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एशियाई देशों में चीन की 'साइबर जासूसी', गिरफ्तारियों से खुला राज!

aajtak.in
  • 26 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:01 PM IST
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नेपाल पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए काठमांडू में करीब 120 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. ये सब नेपाल में साइबर अपराध में लिप्त बताए गए. इसके साथ ही यह बहस फिर शुरू हो गई कि हमेशा शांति की बात करने वाला चीन क्या एशियाई देशों में जासूसी करवाता है.

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दरअसल, नेपाल से पहले भी कई देशों में चीन के नागरिक संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए जा चुके हैं और गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं. नेपाल की राजधानी काठमांडू में पकड़े गए लोगों के साथ नेपाल पुलिस ने लैपटॉप भी बरामद किए हैं.

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बीते एक साल में एशिया भर से सैकड़ों चीनी नागरिकों को साइबर अपराधों के आरोपों में पकड़ा गया है. वे जहां भी पकड़े गए वहां आपराधिक गतिविधियां ही करते पाए गए.

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पिछले दिनों फिलीपींस में पुलिस ने 342 चीन नागरिकों को गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप था कि वे बिना लाइसेंस जुए की गतिविधियां चला रहे थे. 

सितंबर में फिलीपींस में ही पांच चीनी नागरिकों को एटीएम हैक कर उससे पैसे चुराने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया

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इसके अलावा अक्टूबर में मंगोलिया में करीब 800 चीनी नागरिकों को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की छानबीन के दौरान गिरफ्तार किया गया था.

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हालांकि नेपाल वाले मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने छापे से पहले चीनी दूतावास को इस बारे में सूचित कर दिया था. 

वहीं इस मामले में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन ने मामले में नेपाली पुलिस का सहयोग किया है.

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इसके अलावा चीन ने इस मामले में कभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन साइबर जानकारों का मानना है कि ड्रैगन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, वह हर ऐसा कदम उठा सकता है जिससे उसको फायदा हो.

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