कोरोना वायरस महामारी के बीच पूरी दुनिया में अफरा-तफरी मची हुई है. वहीं भारत में भी इसका कहर जारी है. तो वहीं डॉक्टर्स, नर्सें, पुलिसकर्मी यहां तक कि सफाई कर्मी भी कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला कर रहे हैं. वे लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की मदद कर रहे हैं. इन सभी लोगों की भूमिका किसी से छुपी हुई नहीं है. जो अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर दिन-रात और लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं.
ऐसा ही एक उदाहरण तमिलनाडु से आया, जहां एक नर्स कोरोना वायरस के मरीजों की मदद के लिए 250 किलोमीटर का सफर करके अस्पताल पहुंची. खास बात ये कि वह आठ महीने की गर्भवती है. लेकिन फिर भी रोगियों की मदद करने के लिए इतना लंबा सफर तय करके वह अस्पताल पहुंची.
बताया जा रहा है नर्स का नाम विनोथिनी है जो आठ महीने की गर्भवती है. उनकी उम्र 25 साल है. कोरोना वायरस की इस संकट की घड़ी में मरीजों की मदद करने का फैसला किया. इसके लिए विनोथिनी ने COVID-19 के रोगियों के इलाज में मदद करने के लिए तमिलनाडु में तिरुचिरा से रामनाथपुरम की 250 किमी की यात्रा की.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विनोथिनी तिरुचि में एक निजी अस्पताल में कार्यरत थी. 1 अप्रैल को रामनाथपुरम के स्वास्थ्य सेवा के संयुक्त निदेशक (जेडी) का एक कॉल आया. जिसके बाद विनोथिनी ने प्राथमिक स्वास्थ्य मरीजों की मदद करने का फैसला किया. इसके बाद वह 250 किलोमीटर की यात्रा कर अस्पताल पहुंची.
डीवाईएफआई के जिला सचिव पी लेनिन, पर्यटन मंत्री वेल्लमंडी एन नटराजन और कलेक्टर एस शिवरासु की तरफ से उन्हें एक पास मिला हुआ था, जिसकी मदद से उन्हें लॉकडाउन के बावजूद बाहर जाने और सफर की इजाजत मिल गई. इसके बाद आठ महीने की गर्भवती नर्स आखिरकार अपने पति के साथ कार से तिरुचिरा से रामनाथपुरम पहुंचने में कामयाब रही.