कोरोना का कहर जारी है. दुनियाभर के तमाम देश इसकी वैक्सीन की खोज में दिन-रात जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में थाईलैंड ने वैक्सीन को लेकर थोड़ी बहुत उम्मीद जगाई है. थाईलैंड अब वैक्सीन ट्रायल के अगले चरण में पहुंच गया है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड के इस प्रोजेक्ट को
शुरुआती सफलता मिली है और चूहों पर इसका सकारात्मक असर दिखा है. अब बंदरों
पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. यहां तक कि थाईलैंड ने कह दिया है कि छह से सात माह में कोरोना की वैक्सीन बनाई जा सकती
है.
थाईलैंड के उच्च शिक्षा, विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार मंत्री
सुवत मैसेंसे ने कहा कि चूहों पर परीक्षण के बाद, शोधकर्ता वैक्सीन के
परीक्षण के लिए अगले पड़ाव की ओर हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर तक तीन
खुराकों पर काम किया जा रहा है और सितंबर में 'स्पष्ट परिणाम' आने की
उम्मीद है.
मंत्री सुवत ने शनिवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान
कहा कि यह परियोजना मानव जाति के लिए है. थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने एक
नीति बनाई है कि हमें एक टीका विकसित करना चाहिए और इस कार्यक्रम ने दुनिया
भर के कर्मचारियों को जोड़ना चाहिए.
इससे पहले थाईलैंड के एक
वरिष्ठ अधिकारी ने वैक्सीन को लेकर कहा था कि चूहों पर किए टेस्ट के नतीजे
बेहद सकारात्मक रहे हैं. ऐसे में परीक्षण से उम्मीद जताई जा रही है कि अगले
साल तक वहां कोरोना वायरस का टीका तैयार हो सकता है.
प्रवक्ता तावीसिन विसानयुथिन ने कहा कि चूहों पर वैक्सीन के सफल परीक्षण के बाद अगले हफ्ते बंदरों में mRNA (मैसेंजर आरएनए) वैक्सीन का परीक्षण शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मानवों पर अगले साल थाई वैक्सीन के इस्तेमाल होने की उम्मीद है.
थाई वैक्सीन को थाईलैंड में राष्ट्रीय वैक्सीन संस्थान, चिकित्सा विज्ञान
विभाग और चुललोंगकोर्न विश्वविद्यालय के वैक्सीन अनुसंधान केंद्र द्वारा
मिलकर विकसित किया जा रहा है.
मालूम हो कि कोरोना वायरस वैक्सीन
की खोज में करीब 100 से ज्यादा देश जुटे हुए हैं. इसमें से कई देशों में
टेस्टिंग शुरुआती चरणों में है तो कई देशों में परीक्षण का अंतिम दौर चल
रहा है. अप्रैल महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी थी कि
कोरोना वायरस वैक्सीन को बाजार में आने में कम से कम 12 महीने लगेंगे.
उधर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी वैक्सीन को लेकर चल रहे प्रोजेक्ट के ट्रायल में शुक्रवार को कामयाबी मिली है. इस प्रोजेक्ट ने ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण सफलतापूर्वक पार कर लिया है और अब जल्द ही दूसरे और तीसरे पड़ाव की शुरुआत होने जा रही है.
इसके अलावा चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि बिना वैक्सीन ही कोरोना वायरस
खत्म किया जा सकता है. दरअसल, वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन की लैब में
ऐसी दवा बनाई जा रही है जो कोरोना को रोकने में कारगर साबित होगी. इस दवा
का परीक्षण चीन के प्रतिष्ठित पेकिंग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा
किया जा रहा है.