देश की रक्षा करते हुए वीरगति हासिल करने वाले शहीद को उसकी तीन महीने की बेटी ने मुखाग्नि दी. गुरुदासपुर निवासी शहीद रणजीत सिंह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के उरी सेक्टर में तैनात थे. लेकिन हाल ही में आए बर्फीले तूफान की चपेट में आने से वे शहीद हो गए.
शुक्रवार को जब उनका पार्थिव शरीर गुरुदासपुर स्थित दीनानगर कस्बे के सिद्धपुर गांव पहुंचा तो अपने बहादुर बेटे को देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा.
45 राष्ट्रीय राइफल में ग्रेनेडियर रणजीत सिंह के पार्थिव शरीर को उनकी तीन महीने की बेटी के हाथों मुखाग्नि दिलवाई गई. बच्ची को उसके दादा ने गोद में लेकर पिता की चिता को मुखाग्नि दिलाई.
जैसे ही बच्ची के हाथों शहीद को मुखाग्नि दी गई, भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें बंदूकों की सलामी दी. इधर बंदूकें गरज रही थीं, उधर रणजीत सिंह अमर रहे और भारत माता की जय के नारे.
इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर विपुल उज्ज्वल ने कहा कि सरकार की तरफ से शहीद के परिजनों को सभी सहायता दी जाएगी. पंजाब सरकार की तरफ से भी मदद की जाएगी और शहीद रणजीत सिंह का स्मारक भी बनवाया जाएगा.
इस मौके पर शहीद रणजीत सिंह के पिता हरबंस सिंह ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. लेकिन दुख इस बात का है अब उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं है.
शहीद के पिता ने सरकार से अपील की है कि उनके घर के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, ताकि घर परिवार का पालन-पोषण होता रहे.