दुनिया के कई देश कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने की रेस में शामिल हो चुके हैं. इस बीच अमेरिकी अधिकारियों ने डर जताया है कि अगर चीन कोरोना वायरस की वैक्सीन पहले तैयार कर लेता है तो वह इसका इस्तेमाल आर्थिक लाभ और कूटनीतिक बढ़त हासिल करने में कर सकता है.
एक तरफ जहां दुनिया के कई देश जानकारी एक-दूसरे के साथ शेयर करते हुए कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, वहीं अमेरिका और चीन, सिर्फ अपने दम पर वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. Politico की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े एक अधिकारी ने कहा- 'उन्हें (चीन को) ये पता है कि जो देश सबसे पहले कारगर वैक्सीन तैयार कर लेगा, वह दुनिया पर राज करेगा.'
हालांकि, अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े एक अधिकारी का मानना है कि
वैक्सीन के निर्माण को लेकर चीन को अब तक कोई बढ़त नहीं मिली है. लेकिन
अधिकारी ने कहा- 'ये भी पैटर्न रहा है कि वे दूसरे की चीजों और रिसर्च को
चोरी करने की कोशिश करते हैं.'
वैक्सीन पहले तैयार कर लेने की स्थिति में कूटनीतिक बढ़त से अधिक आर्थिक असर ज्यादा देखने को मिल सकता है. एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन मेडिकल कॉलेज के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर रॉस मैककिन्ने कहते हैं कि वैक्सीन पहले तैयार करने की स्थिति में वह देश सबसे पहले अपनी आबादी को सुरक्षित करेगा. इसकी वजह से उस देश में इकोनॉमी पूरी तरह खुल जाएगी.