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उइगुर मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर चीन पर अमेरिका का एक्शन

aajtak.in
  • 28 मई 2020,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST
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कोरोना वायरस के चलते चीन और अमेरिका पहले से ही आमने-सामने हैं. इसी बीच अमेरिका के एक कदम से चीन और भड़क सकता है. अमेरिकी कांग्रेस ने उइगुर मुस्लिमों को हिरासत में लेने से चीनी अधिकारियों को रोकने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है.

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दरअसल, अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को चीन के पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों को हिरासत में रखने और प्रताड़ित करने के लिए चीनी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों का आह्वान करते हुए बिल पारित किया है. यह बिल अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास भेजा गया है.

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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप के साथी रिपब्लिकन सदस्यों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रंप बिल पर हस्ताक्षर करेंगे. हालांकि व्हाइट हाउस ने अभी तक यह संकेत नहीं दिया है कि ट्रंप ऐसा करेंगे या नहीं.

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रिपोर्ट के अनुसार यह बिल चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगुर और अन्य मुस्लिम समूहों के दमन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिबंधों का आह्वान करता है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि शिविरों में दस लाख से अधिक मुसलमानों को हिरासत में लिया गया है.

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इस बिल के पास होने के बाद अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा कि कांग्रेस ने स्पष्ट संदेश दिया कि चीनी सरकार ऐसा किसी भी तरह का काम नहीं कर सकती है.  हाउस की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने भी एक बयान में कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस बीजिंग के उइगुरों के खिलाफ मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है.

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मालूम हो कि अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बढ़ गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोनो वायरस महामारी के लिए लगातार चीन को दोषी ठहरा रहे हैं. माना जा रहा है कि उइगुर मुस्लिमों से संबंधित यह बिल चीन और अमेरिका के बीच और भी ज्यादा तनाव बढ़ा सकता है. फिलहाल अब निर्णय डोनाल्ड ट्रंप को ही लेना है.

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कौन हैं उइगुर: 

इस्लाम को मानने वाले उइगुर समुदाय के लोग चीन के सबसे बड़े और पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग प्रांत में रहते हैं. चीन में उइगुरों की आबादी एक करोड़ से अधिक है. कई मानवाधिकार समूह का कहना है कि कम से कम 10 लाख उइगुर और अन्य तुर्की मूल के मुस्लिमों को चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित जीनजियांग प्रांत के शिविरों में रखा जा रहा है.

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क्या है उत्पीड़न का मामला: 

चीन भले ही पूरी दुनिया में मानवाधिकारों की बात करे लेकिन सच तो ये है कि चीन उइगुर मुसलमानों पर लगातार अत्याचार कर रहा है. और इसका खुलासा द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कुछ लीक दस्तावेजों के माध्यम से किया है. इसमें बताया गया है कि कैसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 'जरा भी दया न' दिखाने का आदेश दिया.

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पिछले साल द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा हासिल किए गए 403 पन्नों वाले सीक्रेट दस्तावेज में कम्युनिस्ट पार्टी की बेहद गोपनीय लेकिन विवादास्पद कार्रवाई के बारे में बताया गया है. अखबार के मुताबिक, ये दस्तावेज चीनी राजनीतिक व्यवस्था से जुड़े एक अनाम शख्स ने लीक किए.

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इसके अलावा ऐसी कई रिपोर्ट्स आई हैं जिनमें दावा किया गया कि चीन ने आतंकवाद और धार्मिक चरमपंथ से लड़ने के बहाने मुसलमानों को शिविरों में रखा है और उनका कथित ब्रेन वॉश भी किया है. इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद बाद चीन की आलोचना भी हुई है. और अब अमेरिकी कांग्रेस ने बकायदा बिल भी पारित कर दिया है.

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