हर साल की तरह इस साल भी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में नदियां उफान पर है. जिले में बहने वाली 4 नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी है. इन नदियों का पानी हजारों बीघे खेतों को अपनी आगोश में ले चुका है. लोगों की फसल जलमग्न हो चुकी है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है, जिससे लोग भयभीत है.
सिद्धार्थनगर जिले के नौगढ़, उसका, जोगिया, इटवा, डुमरियागंज, शोहरतगढ़ , बांसी ब्लॉक क्षेत्रों में बाढ़ का कहर जारी है. कई गांव के लोग अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नावों का सहारा ले रहे हैं. जोगिया ब्लॉक क्षेत्र का संगलदीप गांव टापू बन गया है, अब इस गांव तक केवल नाव के सहारे ही पहुंचा जा सकता है.
गांव के चारों ओर राप्ती नदी का पानी भरा हुआ है. इससे सबसे अधिक इस गांव के लोग परेशानी का सामना करने को मजबूर है. ग्रमीणों ने बताया कि कई दिनों से ऐसे हालात है, लेकिन उनकी सुध लेने गांव में कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है.
नदी के बढ़ते जलस्तर से सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, मंदिर व खेत खलिहान पानी में डुबे हुए नजर आ रहे हैं. परेशान लोग सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें किसी तरह की सहायता नही मिल पाई है.
संगलदीप गांव राप्ती नदी के पानी से टापू बन गया है. ग्रामीणों का कहना है कि केवल चुनाव के दौरान नेता या अधिकारी गांव में आते है, बाकी कोई नहीं आता है, हमारे गांव तक आने का रास्ता बन जाए तो सब ठीक हो जाए.
आज़ादी से सात दशक बीत जाने के बाद भी इस गांव के लोग बाढ़ की विभीषिका को झेलने के लिए मजबूर है. हर साल बाढ़ आती है और सारी फसल को बर्बाद कर देती है. गांव तक पहुंचने के लिए नाव का ही सहारा है.
(रिपोर्ट- अनिल तिवारी)