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विकास दुबे का इस जगह हुआ दी एंड, देखें मौका-ए-वारदात की 10 तस्वीरें

aajtak.in
  • 10 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST
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कानपुर शूटआउट कांड का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ एनकाउंटर में मार दिया गया. यह एनकाउंटर शुक्रवार सुबह 6 से 7 बजे के बीच हुआ. हम आपको दिखा रहे हैं उस जगह की तस्वीरें जहां पर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मास्टरमाइंड मारा गया. (फोटो: एएनआई)

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पुलिस का कहना है कि यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी. गाड़ी की रफ्तार तेज थी. बारिश होने से रोड पर फिसलन थी. कानपुर में एंट्री से पहले अचानक रास्‍ते में गाड़ी पलट गई. (फोटो: एएनआई)

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पुलिस का कहना है कि इस हादसे में विकास दुबे और एक सिपाही को भी चोटें आईं. इसके बावजूद विकास दुबे की नजरें पुलिस के चंगुल से बचकर भागने पर थी. उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक जवान की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. इसी के बाद एनकाउंटर शुरू हो गया. (फोटो: एएनआई)

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एसटीएफ ने विकास दुबे से हथियार सौंप सरेंडर करने को कहा, लेकिन इसके बावजूद वह नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन एनकाउंटर करना पड़ा. (फोटो: एएनआई)

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विकास दुबे के एनकाउंटर के पीछे की ये पूरी कहानी यूपी पुलिस बता रही है. विकास दुबे के तीन साथियों को इससे पहले एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था. असल में, यूपी पुलिस को विकास दुबे के सहयोगियों की लगातार तलाश थी. मुख्य आरोपी विकास मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया. पुलिस लगातार कई जगहों पर दबिश दे रही थी. पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही थी.

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इस दौरान सबसे पहले यूपी के हमीरपुर जिले में पुलिस का बड़ा एक्शन हुआ. हमीरपुर के मौदाहा में मुठभेड़ में पुलिस ने विकास दुबे का दाहिना हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को मार गिराया. अमर को विकास दुबे गैंग का शातिर बदमाश माना जाता था. (फोटो: एएनआई)

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2 जुलाई की रात कानपुर देहात के बिकरू गांव में शूटआउट के मामले में भी अमर दुबे की तलाश थी. यूपी पुलिस ने जिन अपराधियों की तस्वीरें जारी की थी, उसमें अमर दुबे का नाम सबसे ऊपर था. पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था. (फोटो: एएनआई)

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बता दें कि कानपुर के बिकारू गांव के रहने वाले विकास दुबे पर आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का आरोप था. पुलिस टीम उस पर 2 जुलाई की रात दबिश देने गई थी, तभी पहले से घात लगाए विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला बोल दिया था. उस दौरान 200 से 300 राउंड की फायरिंग की गई थी. इस फायरिंग में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.

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उस दौरान 200 से 300 राउंड की फायरिंग की गई थी. इस फायरिंग में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.

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आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या के बाद विकास दुबे और उसके गुर्गे फरार हो गए थे. विकास दुबे की तलाश में पूरे प्रदेश को छावनी में बदल दिया गया था. घटना के 6 दिन बाद विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था. (फोटो: एएनआई)

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जब यूपी एसटीएफ और पुलिस उसे पकड़कर कानपुर ले जा रही थी तो शुक्रवार सुबह कानपुर टोल नाके से 25 किलोमीटर दूर विकास दुबे को ला रही कार पलट गई. इस दौरान विकास दुबे ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की जिसके बाद उसका एनकाउंटर कर दिया गया. कई पुलिसवाले भी घायल हुए हैं.  (फोटो: एएनआई)

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