राजस्थान के धौलपुर जिले के बसेड़ी थाना इलाके के गांव नगला दरवेशी की कॉलोनी में पैंगोलिन देखे जाने से लोगों में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने तुरंत ही इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी. कड़ी मशक्कत के बाद पैंगोलिन का रेस्क्यू किया गया और उसे सुरक्षित नर्सरी कैंपस में छोड़ दिया.
पैंगोलिन फोलिडोटा गण का एक स्तनधारी प्राणी है. इसके शरीर पर केराटिन के बने शल्क (स्केल) नुमा संरचना होती है, जिससे यह अन्य प्राणियों से अपनी रक्षा करता है. पैंगोलिन ऐसे शल्कों वाला अकेला ज्ञात स्तनधारी है. यह अफ्रीका और एशिया में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है.
पैंगोलिन अफ्रीका, भारत, श्रीलंका, चीन और नेपाल जैसे देशों में पाया जाता है. भारत में भी यह प्रजाति मौजूद है लेकिन राजस्थान के इलाके में यह न के बराबर है. इसके बावजूद भी इस प्रजाति का यहां मिलना यह बताता है कि इस इलाके में इसकी प्रजाति कहीं न कहीं जरूर मौजूद है.
वन्य जीव प्रतिपालक राजीव तोमर ने बताया कि यह पैंगोलिन जानवर शर्मिला होता हैं मानव जाति से दूर रहता हैं और रात को यह भ्रमण करता हैं. इसका भोजन चींटी और दीमक हैं. पेड़ों पर चढ़ जाता हैं खतरा होने पर बोल या गेंद बन जाता हैं.लोग इसे डायनासोर के समय का जीव समझ कर मार देते हैं.
वन विभाग की टीम ने पैंगोलिन की देखरेख वन संरक्षक के लिए तैनात की गई है. वन्य जीव विशेषज्ञों से जानकारी लेकर पैंगोलिन के बारे में अग्रिम निर्णय लिए जाएंगे. पैंगोलिन जानवर शर्मिला होता हैं मानव जाति से दूर रहता हैं और रात को यह भ्रमण करता हैं. इसका भोजन चींटी और दीमक हैं.