पाकिस्तान की इमरान खान सरकार सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल विस्तार के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने के लिए इमरान कैबिनेट ने आर्मी एक्ट में संशोधन की मंजूरी दी है. अब सरकार संसद का सत्र बुला रही है.
ऐसा क्या है कि इमरान खान हर हाल पर कमर जावेद बाजवा को सैन्य प्रमुख बनाए रखना चाहते हैं. हालांकि इमरान की इस मंशा पर सवाल भी उठता है.
दरअसल, इसके पीछे कई वजहें हैं. बाजवा के ही कार्यकाल में इमरान खान की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा था. कई बार ऎसी खबरें आईं कि इमरान और बाजवा में तनातनी चल रही है, खासकर जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने के बाद तो तख्तापलट की भी सुगबुगाहट सामने आ गई. लेकिन इमरान सेना को मनाने में कामयाब रहे.
कश्मीर पर बाजवा का अनुभव:
कमर जावेद बाजवा को कश्मीर मुद्दों का जानकार माना जाता है. उनके पास भारत के साथ लगी नियंत्रण रेखा का भी लंबा अनुभव है. बाजवा 1982 में पाकिस्तानी सेना की सिंध रेजिमेंट में कमीशन होकर पहुंचे थे.
निभा चुके हैं कई जिम्मेदारी:
बाजवा पाकिस्तान की सबसे बड़ी कॉर्प-10 का नेतृत्व भी कर चुके हैं. बाजवा ने कश्मीर और उत्तरी इलाकों में लंबे समय तक बतौर सेनाधिकारी सेवा दी है, इसलिए उन्हें इन इलाकों की खासी समझ है.
मिल चुका है सेना का सर्वोच्च सम्मान:
कमर जावेद बाजवा पाकिस्तानी सेना के 16वें सेनाध्यक्ष हैं. वे पाकिस्तानी सेना के सबसे अनुभवी अधिकारियों में से एक है. उन्हें पाकिस्तानी सेना के सबसे बड़े सम्मान निशान ए इम्तियाज से भी नवाजा जा चुका है.
कहा जाता है डार्क हॉर्स:
पाक सेना प्रमुख को डार्क हॉर्स कहा जाता है. दरअसल, बाजवा का संबंध क्वेटा के इंफेन्ट्री स्कूल और बलोच रेजीमेंट से है. इसी रेजीमेंट से पूर्व सेना प्रमुख जनरल याह्या खान, जनरल असलम बेग और जनरल कियानी भी आगे बढ़े थे.
शरीफ ने बनाया था सेनाध्यक्ष:
बाजवा साल 1980 में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए थे. बाजवा को 29 नवंबर 2016 को सेवानिवृत्त हुए जनरल राहिल शरीफ की जगह सेना प्रमुख बनाया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बाजवा के हाथों में सेना की कमान दी थी.
गिलगित में थे फोर्स कमांडर:
कमर जावेद बाजवा गिलगित-बाल्टिस्तान में फोर्स कमांडर की पोस्ट पर भी रह चुके हैं. वे बलोच रेजिमेंट में भी सेना अधिकारी रह चुके हैं. सेना प्रमुख से पहले कमर बाजवा पाकिस्तानी सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) में ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के इंस्पेक्टर जनरल थे.