कोरोना लॉकडाउन की वजह से जंगली जानवरों का खुले में घूमना कई बार देखा जा चुका है. गुजरात से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें एक गर्भवती महिला को कई बब्बर शेरों के बीच एंबुलेंस में ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा. यह हैरतअंगेज घटना गढड़ा के भाका गांव की है. शेरों के हटने के बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्चा और महिला दोनों स्वस्थ हैं.
(Photo Aajtak)
दरअसल, 20 मई की रात लगभग 10.20 बजे गढड़ा के भाखा गांव की अफसाना सबरिश रफीक को अचानक लेबर पेन शुरू हुआ. यह महिला दर्द से बेहाल थी. घरवालों ने उसकी नाजुक हालत देखकर फौरन 108 पर फोन किया और एंबुलेंस बुलाई. जैसे ही एंबुलेंस महिला को लेकर अस्पताल के लिए निकली तो गांव से दूर गिर गढड़ा से उना के रास्ते में 4 बब्बर शेरों ने गाड़ी का रास्ता रोक लिया.
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इन शेरों की मंशा देख कर ऐसा लगता था जैसे एंबुलेंस का रास्ता रोक कर खड़े हों. गाड़ी से निकल कर इन शेरों को रास्ते से हटाने की किसी ने हिम्मत तक नहीं की क्योंकि ये झुंड में थे और देर रात का समय था. लिहाजा खतरा ज्यादा था, उधर महिला दर्द से बेहाल थी जिसे जल्दी अस्पताल पहुंचाना जरूरी था. कुछ देर बाद ईएमटी जगदीश मकवाना और पायलट भरत अहीर ने हिम्मत से स्थिति को संभाला. दोनों ने मिलकर एंबुलेंस के भीतर ही डिलीवरी कराई. फिर महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया.
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ताज्जुब की बात यह रही कि इस पूरे वाकये के दौरान शेर गाड़ी का रास्ता रोके वहीं खड़े रहे. चारों शेर गाड़ी के आसपास चक्कर लगाते रहे. आखिर 20 मिनट के बाद जब बच्ची का जन्म हो गया तब शेरों ने रास्ता छोड़ा. इसके तुरंत बाद एंबुलेंस के दोनों स्टाफ ने मां और बच्ची को गिर गढड़ा के अस्पताल पहुंचाया.
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महिला और उसकी बच्ची स्वस्थ हैं. अमरेली के 108 आपातकालीन प्रबंधन कार्यकारी अधिकारी चेतन ने बताया कि रसूलपुरा गांव की रहने वाली मकवाना को जाफराबाद कस्बे के सरकारी अस्पताल ले जाया जा रहा था. इसी दौरान शेर एंबुलेंस का रास्ता रोककर खड़े हो गए थे.
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