आज इंटरनेशनल माउंटेंस डे है. दुनिया में कई चोटियां ऐसी हैं जहां लोग फतह करने के चक्कर में अपनी जान दे देते हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सिर्फ एवरेस्ट पर ही लाशें रास्ता नहीं दिखाती. हिमालय रेंज में कई और ऐसे पहाड़ हैं जो एवरेस्ट से कई गुना ज्यादा खतरनाक हैं, जहां एवरेस्ट से ज्यादा मौतें होती हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही 10 सबसे खतरनाक पहाड़ों के बारे में.
सबसे ज्यादा मौतों वाले पहाड़ के बारे में पढ़िए आखिरी स्लाइड में...
एवरेस्टः सबसे ऊंची चोटी पर मौत का दर सिर्फ 7%
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और नेपाल की सरकार के अनुसार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर कुल चढ़ने वाले करीब 5500 लोगों में से अब तक करीब 380 लोगों की मौत हुई है. यानी करीब 7 फीसदी मौतें.
ब्रोड पीकः पाकिस्तान-चीन की सीमा पर स्थित
पाकिस्तान और चीन की सीमा पर स्थित 26,401 फीट ऊंचे ब्रोड पीक पर अब तक करीब 500 लोग जा चुके हैं. इनमें से करीब 7.25 फीसदी लोग मारे गए हैं.
मकालूः एवरेस्ट से ज्यादा खतरनाक है चढ़ाई
नेपाल में स्थित मकालू पर्वत 27,667 फीट ऊंचा है. लेकिन इस पर चढ़ना एवरेस्ट से भी ज्यादा खतरनाक है. नासा के मुताबिक मकालू पर चढ़ने वालों की मृत्यु दर 9 फीसदी है.
गशरब्रम-1: गिलगिट-बाल्टिस्तान में है मौत का टीला
पाकिस्तान के गिलगिट-बाल्टिस्तान स्थित काराकोरम रेंज में मौजूद गशरब्रम-1 पहाड़ को मौत का टीला भी कहते हैं. इसे हिडेन पीक भी कहा जाता है. 26,509 फीट ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने वालों की मृत्यु दर भी 9 फीसदी है.
मनास्लूः सबसे नुकीली चढ़ाई, एवरेस्ट जैसा खतरा
नेपाल में स्थित इस 26,781 फीट ऊंचे पहाड़ की चोटी बेहद नुकीली है. इस पर एक बार में बेहद कम लोगों के चढ़ने की जगह होती है. यहां हमेशा एवरेस्ट जैसा खतरा होता है. यह चढ़ने वालों की मृत्यु दर 10 फीसदी है.
कंचनजंगाः यहां हिमस्खलन लेता है जान
नेपाल और भारत की सीमा पर स्थित 29,169 फीट ऊंचे कंचनजंगा पहाड़ पर सबसे ज्यादा मौतें हिमस्खलन की वजह से होती है. यहां चढ़ने वालों की मृत्यु दर 15% है.
धौलागिरीः 16 फीसदी पर्वतारोही मारे जाते हैं
नेपाल में स्थित धौलागिरी यानी सफेद पहाड़ पर चढ़ने वालों में से 16 फीसदी पर्वतारोही मारे जाते हैं. इसकी ऊंचाई 26,795 फीट है.
नंगा पर्बतः इसे हत्यारा पहाड़ भी कहते हैं
पाकिस्तान के गिलगिट-बाल्टिस्तान में स्थित 26,660 फीट ऊंचे नंगा पर्बत को हत्यारा पहाड़ भी कहते हैं. यहां की मृत्यु दर 20 फीसदी है. हालांकि इसकी तेजी से बढ़ती हुई ऊंचाई भी चर्चा का विषय है.
K2: एवरेस्ट से सिर्फ 778 फीट छोटा पर खतरनाक
पाकिस्तान-चीन की सीमा पर मौजूद दुनिया का सबसे ऊंची चोटी. इसकी ऊंचाई 28,251 फीट है. यह एवरेस्ट से करीब 778 फीट छोटा है. कहते हैं ये पहाड़ आपको मारने के लिए ही बना है. चोटी फतह करने के बाद ज्यादातर मौतें लौटते समय होती हैं. यहां मौतों की दर 29 फीसदी है.
अन्नपूर्णा-1: सबसे ज्यादा मौतें इसी पहाड़ पर होती हैं
ये है दुनिया का सबसे ज्यादा मौतों वाला पहाड़. नेपाल में स्थित 26,545 फीट ऊंचे पहाड़ पर सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. यहां चढ़ने वाले सभी लोगों में से 32 फीसदी लोग मारे जाते हैं. यह मौतों का आंकड़ा एवरेस्ट से 4 से 5 गुना ज्यादा है.