साल 2008 की बात है, देश की दिग्गज ऑटो कंपनी महिंद्रा ने काइनेटिक मोटर्स खरीद कर दो पहिया सेगमेंट में एंट्री ली थी. कंपनी ने साल 2009 में अपने पहले दो स्कूटर महिंद्रा रोडियो और महिंद्रा को लॉन्च किया था.
वहीं साल 2013 में कंपनी ने बाइक सेगमेंट में कदम रख दिया. हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी महिंद्रा दो पहिया वाहन बाजार में कोई खास पहचान नहीं बना पाई. अब करीब 11 साल बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इसे अपनी गलती मानी है.
आनंद महिंद्रा ने कहा, "हम अपने सपने को पूरा करने के तरीके के बारे में अच्छी तरह से समझते थे. हम इस दिशा में सही प्रयास करने के बाद भी फेल हो गए." उन्होंने कहा कि टू व्हीलर कारोबार में उतरना शायद महिंद्रा के लिए गलत फैसला था. हमें कभी भी कंप्यूटर बाइक मार्केट में नहीं उतरना चाहिए था.
महिंद्रा ने इसके साथ ही कहा कि इस असफलता की वजह से उन्हें सबक मिला कि प्रीमियम टू व्हीलर सेगमेंट में कंपनी के लिए अच्छी संभावनाएं हैं.
बता दें कि भारत में सालाना दो करोड़ से अधिक दो पहिया वाहन बिकती हैं जिस पर हीरो और होंडा का कब्जा है. जबकि महिंद्रा फिसड्डी साबित हो गई है. भारतीय बाइक बाजार में महिंद्रा ने वित्त वर्ष 2018-19 में 4004 यूनिट की बिक्री की, जो वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले 73 फीसदी कम रही.