अकसर देखा गया है कि अलग-अलग बीमा कंपनियां विभिन्न प्रकार के इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की पेशकश करती हैं. प्रत्येक प्रोडक्ट के लाभ और शर्तें अलग-अलग होती हैं.
हालांकि अब हर बीमा कंपनियों को एक ही स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च करना होगा. इस संबंध में भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने ग्राहकों को होने वाली समस्याएं दूर करने के लिए बीमा कंपनियों को आदेश दिया है.
इस आदेश के मुताबिक बीमा कंपनियों को 1 से 5 लाख रुपये तक की स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध कराना होगा. इरडा ने कहा, ‘‘हेल्थ पॉलिसी बाजार में इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस के कई प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. हर प्रोडक्ट के फीचर विशिष्ट हैं जिसके कारण सही उत्पाद चुनना लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है. यही वजह है कि स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च करने के आदेश दिए गए हैं.’’
यह प्रोडक्ट ग्राहकों की आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज देगा. इसके तहत अधिकतम 5 लाख रुपये और न्यूनतम 1 लाख रुपये का कवरेज होगा. इरडा के मुताबिक कंपनियों को एक अप्रैल 2020 से प्रोडक्ट को पेश करना होगा.
इसके तहत अनिवार्य आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज के दायरे में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, एक सीमा तक मोतियाबिंद के इलाज का खर्च, किसी बीमारी या चोट के कारण आवश्यक प्लास्टिक सर्जरी या दांतों के इलाज का खर्च, सभी प्रकार का डे-केयर इलाज और प्रति भर्ती पर अधिकतम 2 हजार रुपये का एंबुलेंस शुल्क कवर होगा.
आयुष योजना के तहत होने वाली भर्ती का खर्च, अस्पताल में भर्ती होने के 30
दिन पहले तक का खर्च और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 60 दिन बाद तक का
खर्च भी इसके तहत कवर होगा.
नियामक ने ''आरोग्य संजीवनी पॉलिसी'' चुनने की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 65 साल तय की है. नियामक ने कहा कि यह इंश्योरेंस प्रोडक्ट पोर्टेबल होगा और इसका प्रीमियम राज्यों या क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग नहीं होकर पूरे देश में एकसमान होगा.