डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए 15 दिसंबर से हर वाहनों पर फास्टैग (FASTags) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इस बीच, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब पार्किंग के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तहत हैदराबाद एयरपोर्ट पर पार्किंग भुगतान में भी फास्टैग के इस्तेमाल की शुरुआत की गई है.
इसे फास्टैग 2.0 कहा जा रहा है. इसके जरिये पार्किंग भुगतान, पेट्रोल-डीजल का भुगतान, ई-चालान भुगतान जैसे कार्य भी किये जा सकेंगे.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की मानें तो इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत दो चरणों में की गई है. पहले चरण में सिर्फ परीक्षण किया गया है. परीक्षण के दौरान केवल आईसीआईसीआई टैग का उपयोग किया जाएगा. दूसरे चरण में फास्टैग का उपयोग हैदराबाद एयरपोर्ट पर पार्किंग के मकसद से किया जाएगा.
इसमें अन्य बैंकों के टैग को भी रखा जाएगा. हैदराबाद के बाद प्रोजेक्ट की
शुरुआत दिल्ली हवाईअड्डे पर की जाएगी. इसके अलावा एसबीआई बैंक, एक्सिस
बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईडीएफसी बैंक मुंबई, बेंगलुरु एयरपोर्ट से बातचीत
कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ मॉल भी फास्टैग-2 की शुरुआत करेंगे.
क्या है फास्टैग ?
फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन
(RFID) टैग है जो गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगता है. वाहनों पर लगा यह टैग
इलेक्ट्रॉनिक तरह से पढ़ा जाता है. आसान भाषा में समझें तो टोल प्लाजा पर
लगे कैमरे इसे स्कैन कर लेते हैं, जिसके बाद रकम अपने आप कट जाती है.
इसके बाद टोल का
फाटक खुल जाता है और आप अपने सफर पर आगे निकल सकते हैं. यह प्रक्रिया सिर्फ
चंद सेकेंड में पूरी हो जाती है. कहने का मतलब ये है कि आपको कैश से भुगतान
करने के लिए इंतजार नहीं करना होगा. हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि आपका
फास्टैग रिचार्ज हो.
फास्टैग का सबसे बड़ा फायदा समय और पैसे की बचत है. अभी टोल प्लाजा पर कैश भुगतान के वक्त काफी समय लगता है, जिसका नुकसान ये होता है कि कार या ट्रकों की लंबी लाइन लग जाती है. इसके अलावा इस टैग पर सरकार की ओर से छूट भी मिलती है. यहां बता दें कि यह फास्टैग सिर्फ नेशनल हाईवे पर
काम करता है.