आने वाले दिनों में 150 निजी ट्रेन शुरू की जाएंगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में ये बात कही. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनियां अपने पसंद के रूट को तय कर सकेंगी.
पीयूष गोयल ने कहा, 'निजी क्षेत्र के लिए अपार संभावनाएं हैं. अगर आप चाहते हैं तो, हम आपके साथ नई लाइनों में निवेश करने के लिए तैयार हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि हम ट्रैफिक रूट को पट्टे पर देने के लिए तैयार हैं. इसलिए निजी क्षेत्र उस रूट की पहचान कर लें जहां वे ट्रेन सेवाएं शुरू करना चाहते हैं.
रेल मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ एक एलिवेटेड गलियारे पर विचार कर सकता है, क्योंकि इसमें भूमि खरीदने की चुनौती नहीं होगी.
इस बीच, रेलवे ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए चलाई गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए राज्यों पर किराए का कोई भुगतान लंबित नहीं है. रेलवे एक मई से लेकर अब तक 4,436 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला चुका है और 62 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुका है.
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक फिलहाल श्रमिक स्पेशल सेवाओं के
लिए किसी राज्य पर कोई भुगतान लंबित नहीं है. पिछले सप्ताह रेलवे ने कहा था
कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों का औसतन प्रति
व्यक्ति 600 रुपये किराया है और संकेत दिया था कि एक मई से 60 लाख प्रवासी
मजदूरों को घर पहुंचाकर रेलवे ने लगभग 360 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित
किया है.
इसने यह भी कहा था कि रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रति यात्री 3,400 रुपये खर्च किए और इन ट्रेनों को चलाने में लगभग 2,040 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इन ट्रेनों को चलाने का खर्च केंद्र और राज्यों द्वारा क्रमश: 85-15 प्रतिशत फॉर्मूले के आधार पर वहन किया जा रहा है.