साल 2014 की बात है, भारतीय-अमेरिकी मूल के इंजीनियर की चर्चा दुनियाभर में हो रही थी. दरअसल, ये शख्स टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट की उस कुर्सी पर बैठने जा रहे थे जिस पर रहकर लंबे समय तक बिल गेट्स ने कंपनी को नया मुकाम दिया. ये शख्स कोई और नहीं बल्कि सत्या नडेला थे. सत्या नडेला इन दिनों नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) पर दिए गए अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं.
अब तक उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में कई प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया. इनमें से कुछ प्रजोक्ट तो कंपनी के लिए बेहद लाभकारी साबित हुए, जैसे विंडो सर्वर और डेवलपर्स टूल. आज 28 साल बाद वह माइक्रोसॉफ्ट के सबसे ताकतवर शख्स हैं. यहां बता दें कि उन्हें फरवरी 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ पद के लिए नामित किया गया.
इसमें ज्यादातर स्टॉक अवॉर्ड (शेयर) के रूप में है. एक साल पहले के वित्त वर्ष (2017-18) में 2.58 करोड़ डॉलर (184.28 करोड़ रुपए) मिले थे. बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट का वित्त वर्ष 1 जुलाई से 30 जून तक होता है.
नडेला ने आगे कहा कि मैं एक बांग्लादेशी प्रवासी को जो भारत में आया हो उसे बड़ा होते हुए
देखना चाहता हूं या इंफोसिस का सीईओ बनते हुए देखना चाहता हूं... ये ही
आकांक्षा होनी चाहिए. अगर मैं देखूं तो जो मेरे साथ अमेरिका में हुआ मैं
वैसा भारत में होते हुए देखना चाहता हूं. सत्या नडेला के इस बयान पर जब
विवाद हुआ तो माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से सफाई भी दे दी गई.