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ज्वेलरी खरीदते समय करें केवल 3 चीजों का भुगतान, गुमराह नहीं कर पाएंगे ज्वेलर्स

aajtak.in
  • 28 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST
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त्योहार है, और परंपरा भी है. लोग साल भर इंतजार करते हैं कि दिवाली और धनतेरस के मौके पर सोने की ज्वेलरी खरीदेंगे. इस बार भी बड़े पैमाने पर लोग गोल्ड ज्वेलरी खरीदने की तैयारी कर रहे होंगे. खासकर महिलाएं त्योहारों में ज्वेलरी जरूर खरीदती हैं, वो इसे निवेश और लक्ष्मी के आगमन से जोड़कर देखती हैं. 

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अगर आप इस त्योहार में ज्वेलरी खरीदने की सोच रहे हैं तो खरीदते समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें. जिससे आप सही दाम में प्योर ज्वेलरी खरीद पाएंगे और ज्वेलर्स आपको गुमराह नहीं कर पाएगा. अगर आप ऑनलाइन ज्वेलरी खरीदते हैं तो फिर इस तरह की समस्याएं कम आती हैं. लेकिन अगर ज्वेलरी शॉप में जाकर खरीदते हैं तो जरूर सतर्क रहें. 

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दरअसल, सोने का भाव बाजार में ज्वेलरी के वजन और कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है. लेकिन जब आप ज्वेलर्स से सोना खरीदते हैं तो देखें कि बिल में क्या-क्या चार्ज जोड़ा गया है. अक्सर ज्वेलर्स ग्राहकों को गुमराह करने के लिए बिल में कई तरह के चार्ज जोड़ देते हैं और ग्राहक जानकारी के अभाव में कुछ नहीं कह पाते. 

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केंद्र सरकार के मुताबिक ज्वेलरी खरीदते समय ग्राहकों को केवल तीन चीजों का भुगतान करना है. पहला- सोने की ज्वेलरी का वजन के हिसाब से कीमत, दूसरा- मेकिंग चार्ज और तीसरा- जीएसटी (3 फीसदी) चुकाना पड़ता है. ज्वेलरी का भुगतान आप ऑनलाइन करें या ऑफलाइन, इस पर आपको केवल 3 फीसदी GST चुकाना होगा.

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इसके अलावा ज्वेलर्स किसी भी तरह का चार्ज करता है तो फिर आप सवाल खड़े कर सकते हैं. क्योंकि कुछ ज्वेलर्स पॉलिस वेट या फिर लेबर चार्ज के नाम पर कुछ रुपये अलग से चार्ज करते हैं, जो सरासर गलत है. आप बिल्कुल इसका भुगतान ना करें और ज्वेलर्स के खिलाफ शिकायत भी कर सकते हैं.

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आपको पता होनी चाहिए कि ज्वेलरी 24 कैरेट सोने से नहीं बनती है. बाजार में उपलब्ध अधिकतर ज्वेलरी 22 कैरेट और 18 कैरेट की होती है. इसलिए खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उस दिन सर्राफा बाजार में सोने का भाव क्या है. जिससे आप सही रेट पर ज्वेलरी खरीद पाएंगे. 

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सबसे अहम बात यह है कि ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज को लेकर मोल-भाव जरूर करें. अधिकतर ज्वेलर मोल-भाव के बाद मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं. क्योंकि ज्वेलरी पर 30 फीसदी तक मेकिंग चार्ज लिया जाता है. ज्वेलर्स को सबसे ज्यादा फायदा मेकिंग चार्ज से ही होता है. 

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हमेशा ऑरिजनल बिल लें. ताकि भविष्य में जब आप उस ज्वेलरी को कहीं बेचने जाएं तो उसकी प्योरिटी और वजन को लेकर कोई समस्या न हो. जहां तक शुद्धता की बात है तो केवल और केवल हॉलमार्क ज्वेलरी ही खरीदें. हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं. सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता है. मसलन 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है. इससे शुद्धता में शक नहीं रहता.

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