अक्सर आप बोलते-सुनते होंगे कि अभी हमारी सैलरी बहुत कम है, इस सैलरी से तो महीने का खर्च भी पूरा नहीं हो पाता है, तो बचत कैसे करें? जब सैलरी थोड़ी बढ़ जाएगी तो फिर कुछ पैसा बचेगा, जिसे निवेश करेंगे. लेकिन कम निवेश में बेहतर रिटर्न की जानकारी न होने की वजह से लोग ऐसा बोलते हैं.
आज के दौर में आपके के लिए जितना महत्वपूर्ण कमाई करना है. उससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण उस कमाई के कुछ हिस्से को बचाना है. हालांकि, कम आमदनी में पैसे बचाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन ये असंभव काम नहीं है. क्योंकि नौकरीपेशा लोगों के लिए बचत ही फ्यूचर का साथी होता है. (Photo: Getty Images)
खासकर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग जितनी जल्दी निवेश शुरू कर देंगे, उनका भविष्य उतना ही आर्थिक तौर पर मजूबत बन जाएगा. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक वेतनभोगी कर्मचारी कैसे सफल निवेशक बन सकते हैं और कैसे सैलरी से ज्यादा निवेश से कमाई हो सकती है. (Photo: Getty Images)
आपकी जितनी सैलरी है, आप उसी में से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसके लिए केवल खर्च से तालमेल बिठाना होगा. नौकरीपेशा लोगों की कमाई धीरे-धीरे बढ़ती है. आमदनी बढ़ने के साथ-साथ निवेश को भी बढ़ाते रहने से कुछ वक्त के बाद ही वहीं छोटा निवेश बड़ा फंड बन जाएगा. कहावत भी है कि पैसे से पैसा बनता है. क्योंकि रेगुलर निवेश से निवेशित रकम से ज्यादा ब्याज बन जाता है.
उदाहरण के तौर पर अगर किसी का वेतन 25 हजार रुपये है, तो उसके लिए हर महीने 10 हजार रुपये बचाना मुश्किल काम है. लेकिन वो हर महीने खर्चे में थोड़ी कटौती कर 10 फीसदी रकम जरूर बचा सकता है. यानी हर महीने 2500 रुपये तक की बचत संभव है. अब इस रकम को सही जगह पर निवेश करने की जरूरत होगी.
हर महीने म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये 2500 रुपये लगाने पर 5 साल के बाद 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से ये रकम करीब 2 लाख रुपये हो जाएगी. इस बीच हर साल निवेशक की सैलरी भी बढ़ती रहेगी. ऐसे में पांच साल के बाद निवेशक के पास एकमुश्त 2 लाख रुपये होंगे. अगर इसी तरह से अगले 3 साल तक निवेश करते रहे तो फिर 8 साल बाद के जमापूंजी बढ़कर 4 लाख रुपये हो जाएगी.
आमतौर पर नौकरीपेशा लोगों की सैलरी करीब 8 साल में दोगुनी हो जाती है. अगर उसकी सैलरी 10 फीसदी सालाना के हिसाब से बढ़ोतरी होती है. इस आधार पर 25 हजार रुपये शुरुआती सैलरी पाने वाले की 10 साल के बाद वेतन बढ़कर 50 हजार रुपये से ज्यादा हो जाएगा. वहीं महज ढाई हजार रुपये का शुरुआती निवेश इस अवधि में बढ़कर 6 लाख रुपये तक फंड बन जाएगा.
यही नहीं, इन 10 साल के दरम्यान निवेशक सैलरी में बढ़ोतरी से बचाई रकम को दूसरी जगहों पर निवेश कर सकते हैं. जैसे शेयर बाजार, PPF और शॉर्ट टर्म फंड में. इसके अलावा जब निवेशक इसी रफ्तार से अगर 20 साल तक म्यूचुअल फंड समेत दूसरों जगहों पर निवेश करते रहेंगे तो फिर उन्हें सैलरी से ज्यादा निवेश से कमाई होने लगेगी. लेकिन कहीं भी निवेश से पहले पूरी जानकारी और वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.