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यूपी समेत इन 3 राज्यों ने मारी एंट्री, अब तक कुल 15 राज्य EODB में पास!

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST
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केंद्र सरकार को 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने के लिए राज्यों का समर्थन और साथ जरूरी है. अब देश के 15 राज्यों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) सुधार प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. अब इन राज्यों में उद्योग लगाना और कारोबार करना काफी आसान होगा. 

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'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' वाले राज्यों में अब हर साल कारोबारियों को लाइसेंस का रिनुअल कराने की जरूरत नहीं होगी. सुधार के तहत हर साल रिनुअल प्रणाली को खत्म कर दिया गया है. ईओडीबी सुधार प्रक्रिया अपनाने वाले राज्य अब आर्थिक तौर पर मदद के हकदार होंगे. (Photo: File)

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'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के पैमाने पर खरे उतरने वाले 15 राज्यों को 38,088 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन जुटाने की अनुमति दी गई है. दरअसल मोदी सरकार ने कोरोना संकट के दौरान राज्यों से बेहतर कारोबारी माहौल बनाने की अपील की थी. (Photo: File)
 

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ईओडीबी सुधार प्रक्रिया पूरा करने वाले राज्यों में कंप्यूटरीकृत केंद्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली को लागू करना होगा. अधिनियमों के तहत जहां निरीक्षकों की तैनाती केंद्रीय रूप से होती है. उस निरीक्षक को बाद के वर्षों में उसी इकाई में निरीक्षण की इजाजत नहीं होगी. कारोबारी को निरीक्षण से पूर्व सूचना उपलब्ध कराई जाएगी और निरीक्षण के 48 घंटों के अंदर रिपोर्ट अपलोड करना जरूरी होगा. (Photo: File)

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वित्त मंत्रालय के मुताबिक अब गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' सुधारों को पूरा करने की सूचना दी है. अब इन राज्यों को खुले बाजार से अतिरिक्त कर्ज जुटाने की इजाजत मिलेगी. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद राज्य लोन ले पाएंगे. (Photo: File)

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इन तीन राज्यों से पहले आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी सुधारों के पूरा होने की सूचना दी थी, जिसकी पुष्टि डीपीआईआईटी ने की थी. सरकार का कहना है कि बाकी राज्य भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के लिए कदम उठा रहे हैं और जल्द ही पूरे देश में एक तरह का माहौल होगा. (Photo: File)
 

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गौरतलब है कि सरकार का लक्ष्य है कि कारोबारी सुगमता के बाद ही विदेशी निवेशक आएंगे और देसी कंपनियां भी अपने कारोबार को फैलाने में सक्षम होंगी. सिंगल विंडो क्लियरेंस पर सरकार का फोकस है और सभी राज्यों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. (Photo: File)

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