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क्रिप्टोकरेंसी से राशन खरीदते हैं इस गांव के लोग, जबकि देश की 70% आबादी का नहीं बैंक खाता

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST
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भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हाल ही में लोगों की रुचि बढ़ी है. लेकिन अभी भी ये उनके लिए महज़ निवेश करने की एक वस्तु है. लेकिन दुनिया का एक गांव ऐसा भी है जहां लोग क्रिप्टोकरेंसी से राशन-सब्जी खरीदते हैं. अपने बिल भरते हैं. (Photo : Reuters)

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एपी की खबर के मुताबिक इस हफ्ते मंगलवार को अल सल्वाडोर की संसद ने क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक मुद्रा का दर्जा दे दिया. देश के राष्ट्रपति नायिब बुलेक की इसमें अहम भूमिका रही. हालांकि अल सल्वाडोर में बिटकॉइन पहले से स्वीकार किया जाता रहा है, लेकिन इसे लेना या ना लेना वॉलियंटरी था. लेकिन अब संसद की मंजूरी के बाद यहां के सभी बिजनेस को इसे स्वीकार करना होगा.  सिर्फ उन्हें छूट होगी जिनके पास इसकी टेक्नोलॉजी नहीं.(Photo : Reuters)

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अल सल्वाडोर की सरकार के इस फैसले के बाद सबकी निगाहें यहां के छोटे से गांव अल जोंटे की ओर मुड़ गई, जहां की अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी पिछले साल से रच-बस गई है. (Photo : Getty)

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प्रशांत महासागर के तट पर बसा अल सल्वाडोर का ये गांव दुनियाभर में सर्फिंग के लिए मशहूर है. लोग यहां उठने वाली लहरों पर एडवेंचर का मज़ा लेने आते हैं. इस गांव की मुख्य आबादी मछुआरों की है और करीब 500 परिवार इस काम से जुड़े हैं. (Photo : Getty)

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इस गांव में बिटकॉइन का उपयोग करना इतना आसान है कि लोग राशन, सब्जी खरीदने के साथ-साथ अपने बिलों का भुगतान भी क्रिप्टोकरेंसी में करते हैं. क्रिप्टोकरेंसी पर चलने वाला ये छोटा सा गांव अल सल्वाडोर की राजधानी से 50 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है.(Photo : Getty)

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अल जोंटे में इस क्रिप्टोकरेंसी वाली अर्थव्यवस्था की शुरुआत 2019 में हुई जब किसी अनजान डोनर ने यहां के एक स्थानीय नॉन-प्रॉफिट समूह के साथ मिलकर काम करना शुरू किया. रोचक बात ये है अल सल्वाडोर की 70% आबादी के पास बैंक अकाउंट भी नहीं है.(Photo : Getty)

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अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले का कहना है कि नए कानून से देश के उन लाखों लोगों को फायदा होगा जिनके पास पारंपरिक बैंक सुविधाएं नहीं है. साथ ही ये दुनियाभर के निवेशकों को देश में निवेश करने के लिए आकर्षित करेगा. (Photo : Reuters)

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