अमेरिका के एक कदम से भारतीय टूरिज्म महासंघ (FAITH) में खासी नाराजगी है. अब फेथ ने इसको लेकर भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. दरअसल अमेरिका ने भारत को लेकर एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, जिसमें भारत को लेवल 4 की रेटिंग दी गई है.
अमेरिका द्वारा भारत के टूरिज्म को लेकर दी गई रेटिंग पर फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (फेथ) ने चिंता जाहिर की है और सीधे इसमें भारत सरकार से दखल की अपील की है. फेथ ने अमेरिका द्वारा भारत के लिए जारी निगेटिव ट्रैवल एडवाइजरी के मुद्दे को हल करने के लिए कहा है.
दरअसल, अमेरिका ने ट्रैवल एडवाइजरी में भारत को लेवल 4 की रेटिंग दी है. फेथ का कहना है कि 1-4 सबसे ऊंची जोखिम वाली रेटिंग है. यह लोगों को ऐसी रेटिंग वाले देशों की यात्रा नहीं करने का परामर्श है. यानी एक तरह से अमेरिकियों को भारत आने से रोकने की एडवाइजरी है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक फेथ ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि इस मामले को गंभीरता के साथ लेते हुए भारत सरकार जल्द अपने लेवल में अमेरिकी सरकार से बात करेगी. जिससे भारत के प्रति नकारात्मक धारणा को दूर किया जा सकेगा.'
टूरिज्म संघ का कहना है कि भारत का पर्यटन उद्योग पहले से ही कोरोना की वजह से संकट में है और फिर इस तरह की नकारात्मक रेटिंग का बुरा असर पड़ेगा. बयान में कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल के अलावा यह रेटिंग आतंकवाद, महिलाओं के खिलाफ अपराध और विद्रोह की स्थिति को भी दर्शाती है.
फेथ ने कहा कि अमेरिका ने 23 अगस्त, 2020 तक जिन अन्य देशों को इस श्रेणी में रखा है, उनमें सीरिया, ईरान, पाकिस्तान, इराक और यमन शामिल हैं. फेथ का कहना है कि यह भारत के साथ नाइंसाफी है. भारत में सीरिया, पाकिस्तान और इराक जैसे हालात बिल्कुल नहीं हैं.
फेथ ने कहा कि अमेरिका भारतीय पर्यटन क्षेत्र की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. अमेरिका से आने वाले टूरिस्ट भारत में सबसे अधिक औसतन 29 दिन रुकते हैं. वहीं अन्य बाजारों के लिए यह औसत 22 दिन का है. ऐसे में अमेरिका द्वारा इस निगेटिव रेटिंग से भारत के टूरिज्म कारोबार पर असर पड़ेगा.