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छह महीने में 22 फीसदी घटे सोने के दाम, क्या यही है खरीद का सही मौका?

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 11 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST
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गोल्ड की कीमत करीब 11 महीने के निचले स्तर 44,680 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी हैं. पिछले साल अगस्त में सोना 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा था. तब से अब तक इसमें करीब 22 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. 

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क्यों घट रही कीमत: वैश्विक बाजार में जब स्थिरता आने लगती है तब सोने की कीमत घटती है. लोग शेयर बाजार जैसे दूसरे साधनों में निवेश करने लगते हैं, जहां कम समय में ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकता है. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ी हैं और रोजगार के आंकड़े बेहतर हुए हैं. बॉन्ड जैसे साधनों पर रिटर्न बढ़ने से सोना कमजोर होता है.

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आगे क्या होगा: अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ी हैं और रोजगार के आंकड़े बेहतर हुए हैं. बॉन्ड जैसे साधनों पर रिटर्न बढ़ने से सोना कमजोर होता है. जानकारों का मानना है कि सोने की यह कमजोरी थोड़ दिनों की ही बात है. डॉलर कमजोर है, महंगाई का दबाव बढ़ रहा है और इन सबकी वजह से अगले दिनों में सोने की कीमतें फिर बढ़ सकती हैं. 

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क्वांटम म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर (वैकल्पिक निवेश) चिराग मेहता कहते हैं, 'अगले कुछ वर्षों में भी ब्याज दरें इसी तरह रखने की प्रतिबद्धता दिखाकर अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जे. पावेल ने डॉलर के कमजोर रहने का संकेत दिया है. इसके अलावा बाइडेन शासन के 1.9 ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज तथा बुनियादी ढांचे पर ज्यादा खर्च की योजना, कर्ज में बढ़त आदि से डॉलर पर दबाव बना रहेगा.' 

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उन्होंने कहा कि अमेरिका में अतिरिक्त खर्च से धीरे-धीरे निचले स्तर तक लोगों के पास धन पहुंचने से महंगाई और बढ़ेगी, जिससे डॉलर और कमजोर होगा. उन्होंने कहा, 'इसकी वजह से अगले हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड में मजबूती दिख सकती है. इसका मतलब यह है कि सोने में गिरावट के इस मौके का फायदा उठाते हुए और गोल्ड की खरीदारी कर अपना एसेट आवंटन बढ़ाना चाहिए.

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अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में देखें तो भारत में गोल्ड की कीमतों में ज्यादा गिरावट आई है. इसकी वजह है रुपये का मजबूत होना और गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी में कमी. इसलिए घरेलू निवेशकों के लिए गोल्ड में निवेश का यह बहुत अच्छा मौका है. चिराग मेहता कहते हैं, 'अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए गोल्ड में आवंटन बढ़ाने का समय है. यह पोर्टफोलियो में विविधता लाने का प्रभावी साधन होता है.' 

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इस बात का रहे ध्यान: हालांकि एक्सपर्ट चेतावनी भी दे रहे हैं गोल्ड में निवेश एक सीमा से ज्यादा नहीं करना चाहिए. ICICI प्रुडेंश‍ियल एमएसी के हेड, प्रोडक्ट डेवपलमेंट ऐंड स्ट्रेटजी, चिंतन हरिया ने कहा, 'गोल्ड महंगाई के नुकसान से बचाने का एक साधन होता है. इसलिए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का करीब 10 फीसदी हिस्सा गोल्ड में रखना चाहिए.'  (www.businesstoday.in/ के इनपुट पर आधारित) 

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