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छोटी बचत योजनाओं पर लगा झटका, दिसंबर तक नहीं मिलेगा ज्यादा मुनाफा

aajtak.in
  • 01 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST
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अगर आप छोटी बचत— सुकन्या, लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) समेत अन्य योजनाओं में निवेश करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर निवेशकों को झटका दिया है.

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दरअसल, सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए कोई बदलाव नहीं किया है. ऐसे समय जब बैंकों में विभिन्न जमा दरों में नरमी का रुख बना है सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को यथावत रखा गया है. 
 

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पीपीएफ और एनएससी पर सालाना ब्याज दर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत पर बनी रहेगी. पांच साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 7.4 प्रतिशत बनी रहेगी. बालिकाओं से जुड़ी बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत पर रहेगी.
 

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वित्त मंत्रालय के अधिसूचना के मुताबिक किसान विकास पत्र पर सालाना ब्याज दर 6.9 प्रतिशत होगी. एक से पांच साल के लिये मियादी जमा पर ब्याज दर 5.5 से 6.7 प्रतिशत के दायरे में होगी. वहीं पांच साल के लिये आवर्ती जमा पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत रखी गई है.
 

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आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय तिमाही आधार पर लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज दरों को अधिसूचित करता है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ये पिछली तिमाही की तरह स्थिर रहेगी.
 

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ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि चालू वित्त वर्ष की तीसारी तिमाही में ब्याज दर में इजाफा हो सकता है. इससे निवेशकों का मुनाफा बढ़ सकता है. लेकिन इस उम्मीद को झटका लगा है. आपको बता दें कि बीते तिमाही में भी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ था. कहने का मतलब है कि लगातार दो तिमाही से ब्याज दर स्थिर है.

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