वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर नजदीक आ रही है. अधिकतर लोग टैक्स भर चुके हैं, और जो बाकी हैं वो भरने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त कुछ बातों का जरूर ख्याल रखें. थोड़ी-सी चूक के चलते आईटीआर एप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकती है.
खासकर पहली बार रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स को सावधानी बरतनी चाहिए. दरअसल, गलती होने पर पेनाल्टी के साथ-साथ नोटिस भी आ सकता है. क्योंकि आयकर विभाग कर्मचारी की कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 में दी गई डिटेल और फॉर्म-26AS के जरिये मिली जानकारी को वेरिफाई करता है. ई-फाइलिंग के दौरान नाम, पता, जन्म तिथि, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर को सही से भरें.
1. सही से भरें बैंक डिटेल
ITR फाइल करते वक्त बैंक खाते की सही जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है. ई-फाइलिंग करते समय अपने बैंक का नाम, खाता संख्या, IFSC और MICR कोड को दोबारा जरूर चेक कर लें. जब आप सही जानकारी देंगे तभी आपको ITR रिफंड मिलने में दिक्कतें नहीं आएंगी. अपनी इनकम की सही कैलकुलेशन करने के लिए आपको ई-फाइलिंग के दौरान फार्म में सभी कॉलम सावधानी से भरने होंगे.
2. सभी बैंक खातों की दें जानकारी
आपके नाम से जितने बैंक अकाउंट हैं, उन सबके बारे में जरूर डिटेल से भरें. बहुत से लोग अपने सभी बैंक खातों की जानकारी नहीं देते, जिनसे उन्होंने उस वित्तीय वर्ष में लेन-देन किया है. ऐसा करना गैरकानूनी है. आयकर विभाग ने अपने अधिनियम में साफ तौर पर कहा है कि टैक्सपेयर्स को अपने नाम पर पंजीकृत सभी बैंक खातों की जानकारी देना जरूरी है.
3. आय के आंकड़ों को सही से भरें
आईटीआर दाखिल करते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि आपके 26AS फॉर्म में आपकी इनकम को लेकर जो TDS के आंकड़े दिए गए हैं, वही आपके ITR फॉर्म में भरे होने चाहिए. मिसमैच होने पर एप्लीकेशन रद्द हो सकती है. दरअसल, आयकर विभाग आपकी कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 में दी गई डिटेल और फॉर्म-26AS के जरिये मिली जानकारी को वेरिफाई करता है.
4. गलत जानकारी देने से बचें
अपनी आमदनी का सही ब्योरा दें, आयकर विभाग से आय छुपाना अपराध श्रेणी में आता है. अगर आप वेतनभोगी हैं तो सैलरी के अलावा दूसरे आय के स्रोतों जैसे घर किराये, कमीशन, डोनेशन, शार्ट टर्म कैपिटल गेंस के बारे में आईटीआर में जरूर जानकारी दें. सभी आय का स्रोतों को बताने के लिए आयकर के नए फॉर्म में कई कॉलम दिए गए हैं. जिसमें डिविडेंड, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर मिलने वाली छूट का ब्योरा विशेष रूप से देना होता है.
5. रिटर्न का ऑनलाइन-वेरिफिकेशन जरूर करें
सबसे अहम बात ITR भरने के बाद उसका ई-वेरिफिकेशन जरूरी होता है, इसके बाद ही ITR की प्रक्रिया पूरी होती है. आप अपने रिटर्न को ऑनलाइन वेरिफाई कर सकते हैं. जिसे आप नेट बैंकिंग, डीमैट अकाउंट, आधार नंबर और बैंक अकाउंट डिटेल्स से कर सकते हैं. अपने आईटीआर के स्टेटस की जांच करने के लिए incometaxindiaefiling.gov.in वेबसाइट विजिट करें.