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मोदी सरकार की इस योजना ने बुझाई 4 करोड़ ग्रामीण घरों की प्यास!

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST
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प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से घोषणा की थी कि देश के गांव-गांव में 2024 तक हर घर पर ‘नल से जल’ पहुंचाया जाएगा. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अलग से ‘जल शक्ति मंत्रालय’ बनाया गया और ‘जल जीवन मिशन’ योजना को लॉन्च किया गया. अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है. (File Photo)

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जल जीवन मिशन के तहत 100% ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाने वाला गोवा देश का पहला राज्य बना. इसके बाद तेलंगाना और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 100% लक्ष्य पूरा करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं.
(Representative Photo)

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पुडुचेरी में भले अभी चुनाव चल रहे हों, लेकिन जल जीवन मिशन के लक्ष्य को पूरा करने में अगला नंबर उसका है. केंद्र शासित प्रदेश में 30 मार्च 2021 तक 93.36% परिवार के पास नल से जल की पहुंच पूरी हो चुकी है. इस मामले में पुडुचेरी के पीछे-पीछे हरियाणा है जहां 86.73% और गुजरात में 82.96% परिवारों तक टैप वाटर उपलब्ध है.
(Representative Photo)

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15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन की घोषणा की थी तब देश में 3,23,62,838 घरों के पास नल से जल का कनेक्शन था. ताजा आंकड़ों के हिसाब से अब यह संख्या 7,24,97,643 घर हो गई है. इस तरह मिशन के तहत 4,01,34,805 घरों तक नल का कनेक्शन पहुंचाया गया है. अब देश के कुल 37.78% घरों तक नल का जल पहुंच चुका है.
(Representative Photo)

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जल शक्ति मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक जल जीवन में मिशन में उन इलाकों तक नल का जल पहुंचाने को प्राथमिकता दी जा रही है जहां पानी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, संदूषित जल है या जो इलाके अक्सर सूखे से प्रभावित रहते हैं. इसमें आकांक्षी जिलों और सांसद आदर्श ग्राम योजना के गांव शामिल हैं.
(Representative Photo)

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जल जीवन मिशन का एक अन्य लक्ष्य देश के हर इलाके तक सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है. इसका मकसद दूषित पानी से होने वाली बीमारियों पर लगाम लगाना और ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है.
(Representative Photo)

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