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मुद्रा लोन के 6 साल पूरे, बैंकों के लिए खतरे की घंटी, NPA में तेज उछाल!

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:23 AM IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्कीम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के 6 साल पूरे हो गए हैं. इस योजना के तहत लोन देने का टारगेट हर साल बढ़ता जा रहा है. जिस रफ्तार से सरकार मुद्रा लोन बांट रही है, उसी तेजी से कर्ज न चुकाने वाले लोगों की भी संख्या बढ़ रही है. (Photo: File)

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक अगर किसी बैंक लोन की किस्त या लोन 90 दिनों तक नहीं चुकाया जाता तो उसे NPA मान लिया जाता है. अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में यह सीमा 120 दिन की होती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल दर साल मुद्रा लोन का एनपीए बढ़ा है. (Photo: File)

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आंकड़ों के मुताबिक बैंकों द्वारा बांटे गए मुद्रा लोन में से साल 2016 में 596 करोड़ रुपये, साल 2017 में 3790 करोड़ रुपये, साल 2018 में 7277 करोड़ रुपये NPA हो गए. वहीं मार्च 2019 तक पीएमएमवाई के अंतर्गत जो लोन राशि स्वीकृत की गई, उस पर करीब 17,250.73 करोड़ रुपये का लोन एनपीए घोषित हो गया. (Photo: File)

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वहीं 31 मार्च 2020 तक स्वीकृत 3.82 लाख करोड़ रुपये मुद्रा लोन में से करीब 18,836 करोड़ रुपये NPA हो गए. इस योजना की शुरुआत आज से ठीक 6 साल पहले 8 अप्रैल 2015 को हुई थी. साल 2017-18 में बांटे गए मुद्रा लोन में 2.52 फीसदी NPA घोषित हो गए, जबकि अगले साल 2018-19 में बढ़कर 2.86 प्रतिशत एनपीए हो गए. (Photo: File)

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वहीं 31 मार्च 2020 तक स्वीकृत 3.82 लाख करोड़ रुपये मुद्रा लोन में से करीब 18,836 करोड़ रुपये NPA हो गए. इस योजना की शुरुआत आज से ठीक 6 साल पहले 8 अप्रैल 2015 को हुई थी. साल 2017-18 में बांटे गए मुद्रा लोन में 2.52 फीसदी NPA घोषित हो गए, जबकि अगले साल 2018-19 में बढ़कर 2.86 प्रतिशत एनपीए हो गए. (Photo: File)

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गौरतलब है कि मुद्रा योजना के तहत दिए गए लोन के एनपीए होने से बैंकों की सेहत पर असर पड़ता है. पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी मुद्रा लोन में एनपीए को लेकर चिंता जताई थी. (Photo: File)

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गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने 7 अप्रैल को बताया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत पिछले 6 वर्षों में 28.68 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 14.96 लाख करोड़ रुपये दिए हैं. इस योजना को छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था. (Photo: File)

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