केंद्र सरकार ने एक खास तरह के बैंक की शुरुआत की है. इस बैंकिंग सिस्टम के जरिए आपको डिजिटल तरीके से यह पता चल जाएगा कि किस राज्य में कारोबार के लिहाज से कितनी भूमि उपलब्ध है. इसके साथ ही भूमि से जुड़ी सारी जानकारियां आप पता लगा सकेंगे.
ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) से लैस राष्ट्रीय भूमि बैंक की शुरुआत करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि निवेशक औद्योगिक भूमि और संसाधनों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ले सकेंगे.
भूमि बैंक सिस्टम से अभी सिर्फ छह राज्य जुड़े हैं. हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि दिसंबर 2020 तक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़ जाएंगे. यह बैंक अभी शुरुआती चरण में है और इसे बाद में भूमि पहचान और खरीद के लिए अधिक सक्षम व पारदर्शी बनाया जाएगा. इसके लिए राज्यों को भी अपने इलाके में भूमि के बारे में जानकारी देनी होगी.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रणाली में 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 3,300 से अधिक औद्योगिक पार्कों को शामिल किया गया है, जिनमें सम्मिलित तौर पर 4,75,000 हेक्टेयर भूमि शामिल है. उपलब्ध जानकारी में वन, जल निकासी, कच्चे माल का हीट मैप (कृषि, बागवानी, खनिज परतें), संपर्क के विभिन्न स्तर आदि शामिल हैं.’’
पीयूष गोयल ने कहा कि जिन देशों में भारतीय कंपनियों को पाबंदियों का सामना करना पड़ता है, उनके लिए पारस्परिक कदम लागू किये जा सकते हैं. मंत्री ने देश में व्यवसाय शुरू करने के लिये राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से आवश्यक सभी मंजूरियां प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया.
पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘इससे निवेशकों को जानकारी जुटाने और विभिन्न हितधारकों से मंजूरी प्राप्त करने के लिये कई प्लेटफार्मों / कार्यालयों में जाने की आवश्यकता समाप्त हो सकती है. यह मौजूदा प्रणालियों की क्षमताओं का लाभ उठा सकता है और निवेशकों को वास्तविक समय पर स्थिति की जानकारी प्रदान कर सकता है.’’
आपको बता दें कि इस बैंकिंग सिस्टम को औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) और राज्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का एकीकरण कर तैयार किया गया है.