मोदी सरकार ने सॉवरेन (गोल्ड) स्वर्ण बॉन्ड योजना की शुरुआत नवंबर 2015 को की थी. अब इस योजना के 5 साल पूरे होने वाले हैं. अगर 2015 से अब तुलना करें तो इस योजना में साल दर साल निवेशक बढ़े हैं. इस योजना में जोखिन ना के बराबर है, और 2.5 ब्याज दर की गारंटी सरकार लेती है.
दरअसल एक बार फिर गोल्ड बॉन्ड स्कीम निवेशकों के लिए आज (31 अगस्त) से 4 सितंबर तक के लिए खुली है. सरकार बॉन्ड के तौर पर सोने को बेचती है. इस सोने की कीमत रिजर्व बैंक की ओर से तय की जाती है. रिजर्व बैंक ने इस बार स्वर्ण बॉन्ड का भाव 5,117 रुपये प्रति ग्राम तय किया है.
स्वर्ण बॉन्ड की खरीद के लिए डिजिटल भुगतान करने पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी. ऐसे निवेशकों के लिए बॉन्ड की कीमत 5,067 रुपये प्रति ग्राम होगी. इस योजना के तहत कम से कम एक ग्राम सोना और अधिक से अधिक 500 ग्राम सोने के वजन के मूल्य के बराबर बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं. इसकी मियाद आठ वर्ष है.
आम आदमी को सरकार की यह निवेश योजना पसंद आ गई है. क्योंकि पिछले 5 साल में गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों को जबर्दस्त रिटर्न मिला है. मौजूदा समय में जहां सरकार ने एक ग्राम सोने की कीमत 5,117 रुपये रखी है, वहीं आज से करीब 5 साल पहले जब इस योजना की शुरुआत हुई थी, तब एक ग्राम सोने का भाव 2682 रुपये तय किया गया था. यानी 5 साल में करीब दोगुना रिटर्न गोल्ड बॉन्ड ने दिया है.
पिछले एक साल में तो सॉवरेन गोल्ड में शानदार रिटर्न मिला है, सितंबर-2019 में ओपन हुआ गोल्ड बॉन्ड का भाव आरबीआई ने 3,890 रुपये प्रति ग्राम रखा था. जबकि अभी का भाव 5,117 रुपये प्रति ग्राम है. इस तरह से एक साल गोल्ड बॉन्ड का भाव करीब 30 फीसदी तक बढ़ा है. यानी पिछले साल सितंबर में एक लाख रुपये गोल्ड बॉन्ड में लगाने पर अभी वह बढ़कर 1 लाख 30 हजार रुपये हो जाता.
हालांकि पिछले महीने की तुलना में इस बार निवेशकों को सस्ते रेट पर निवेश का मौका मिल रहा है. 3 अगस्त 2020 को सॉवरेन स्वर्ण बांड की कीमत 5334 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी. ऐसे में अब 217 रुपये कम भाव में निवेश का मौका मिल रहा है. ऐसा इसलिए संभव हो पाया है कि पिछले दो हफ्ते से सोने के भाव में थोड़ा दबाव देखने को मिला है. अगर जानकारों की मानें तो गोल्ड का रेट फेस्टिव सीजन और भागेगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फिजिकल सोने की डिमांड को कम करने के लिए स्वर्ण बॉन्ड योजना लॉन्च की है. जिसमें सोने की कीमत रिजर्व बैंक की ओर से तय की जाती है. यह निवेश बाजार में मौजूद फिजिकल गोल्ड के मुकाबले सस्ता और सुरक्षित होता है.
गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम एक ग्राम सोने की खरीदारी की जा सकती है. इसे खरीदने के लिए आपको अपने बैंक, बीएसई, एनएसई की वेबसाइट या डाकघर से संपर्क करना होगा. इसे डिजिटल तरीके से भी खरीदा जा सकता है. डिजिटल निवेश पर 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट मिल जाती है.
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 में रिजर्व बैंक ने दस किस्तों में 2,316.37 करोड़ रुपये यानी 6.13 टन के स्वर्ण बॉन्ड जारी किए. वहीं, कोरोना काल में लगातार 6 महीने से बॉन्ड जारी किया जा रहा है.