कोरोना महामारी की दूसरी लहर का असर अब अनुमान लगाया जा रहा है. तमाम रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट को मानें तो भारतीय अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगना तय है. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश में लॉकडाउन नहीं लगा, लेकिन तमाम राज्यों में लॉकडाउन जैसी ही पाबंदियां लगाई गईं. अभी भी कई राज्यों में कोरोना पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां बाधित हैं.
वित्त-वर्ष 2020-21 की जीडीपी में कोरोना की वजह से 41 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई. FY21 में जीडीपी -7.3 फीसदी रही. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में भी कोरोना के असर का अनुमान लगने लगा है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है.
पहले एसबीआई की रिपोर्ट में वित्त-वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ रेट 10.4 फीसदी का अनुमान लगाया था. SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर वृद्धि दर के अनुमान में बड़ी कटौती की प्रमुख वजह है. (Photo: Getty Images)
एसबीआई इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार महामारी का अर्थव्यवस्था पर अधिक व्यापक प्रभाव पड़ेगा. दबी मांग से चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान पर विशेष असर नहीं पड़ेगा. SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार 'W' आकार में होगा. पहले अर्थव्यवस्था में 'V' आकार के सुधार का अनुमान लगाया जा रहा था.
वहीं, रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.3 फीसद रह सकती है, जबकि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में इसके 7.9 फीसद रहने का अनुमान है. मूडीज की रिपोर्ट को मानें तो अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा.
क्या है डब्ल्यू आकार?
जब इकोनॉमी में तेज गिरावट के बाद तेज रिकवरी और फिर दोबारा से तेज गिरावट के बाद तेजी से सुधार को W-शेप रिकवरी कहते हैं. यानी इकोनॉमी को लगातार दो बार गिरावट का सामना करना पड़ा है. इससे पहले अर्थव्यवस्था में 'V' आकार के सुधार का अनुमान लगाया जा रहा था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से ये बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा है.
क्या है वी आकार?
V-Shape से रिकवरी का मतलब होता है कि अर्थव्यवस्था एकदम से किसी आपदा के कारण नीचे जाती है. उसके बाद उतनी ही तेजी से वापस उभरती है. इसके अलावा V शेप को विक्ट्री साइन के तौर पर भी देखा जाता है.
हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 फीसदी पर कायम रखा है. वहीं केयर रेटिंग्स का पहले अनुमान था कि मौजूदा साल में जीडीपी ग्रोथ रेट 10.2 फीसदी रह सकती है, लेकिन अब उसे संशोधित कर के 9.2 फीसदी कर दिया है.