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फॉर्मूला: पेट्रोल 16 रुपये और डीजल 13 रुपये लीटर मिल सकता है सस्ता!

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:06 AM IST
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पेट्रोल और डीजल के बढ़ते भाव से आम आदमी से लेकर हर कोई परेशान है. विपक्ष सरकार पर हमलावर है, और सरकार फिलहाल लाचार है. लेकिन अब देश के अर्थशास्त्रियों एक फॉर्मूला तैयार किया है. फिलहाल दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 81.47 रुपये और एक लीटर पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये है. (Photo: File)

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दरअसल, देश में पेट्रोल 75 रुपये प्रति लीटर में मिल सकता है, इसको लेकर SBI के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट जारी की है. एसबीआई की रिसर्च टीम ने पेट्रोल और डीजल को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के दायरे में लाने का सुझाव दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होगी. (Photo: File)

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अगर सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में ले आती है, तो फिर पेट्रोल का भाव घटकर 75 रुपये लीटर, और डीजल 68 रुपये लीटर मिल सकता है. यानी दिल्ली में 4 मार्च के मौजूदा भाव से पेट्रोल करीब 16 रुपये लीटर, और डीजल 13 रुपये 47 पैसे प्रति लीटर सस्ता मिल सकता है. (Photo: File)
 

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SBI की ईकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए तो इससे केंद्र और राज्य सरकारों की कमाई में सिर्फ 1 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आएगी, जो कि GDP का सिर्फ 0.4 फीसदी है. SBI की इस रिपोर्ट को एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ सौम्या कांति घोष ने तैयार किया है. (Photo: File)

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बता दें, पेट्रोल और डीजल केंद्र और राज्यों के लिए राजस्व का प्रमुख स्रोत है, जिसकी वजह से सरकारें इसे जीएसटी के दायरे में लाने से हिचक रही हैं. लेकिन अर्थशास्त्रियों ने जो आंकड़ा दिया है, उससे सरकार को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होने वाला है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर जीएसटी लागू होने से पेट्रोल 75 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68 रुपये प्रति लीटर मिलने लगेगा. इस कदम से केंद्र और राज्यों को राजस्व में बजट करीब 1 लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी. (Photo: File)

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SBI के अर्थशास्त्रियों ने रिपोर्ट में समझाया है कि यह कैसे संभव हो सकता है. अर्थशास्त्रियों ने 60 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल और 73 रुपये प्रति डॉलर के एक्सचेंज रेट को आधार मानकर एक रिपोर्ट तैयार की है. एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है. रिपोर्ट में ट्रांसपोर्टेशन कोस्ट डीजल पर 7.25 रुपये और पेट्रोल पर 3.82 रुपये जोड़ा गया है. उसके बाद डीलर कमीशन डीजल पर 2.53 रुपये लीटर और पेट्रोल पर 3.67 रुपये लीटर रखा गया है. (Photo: File)
 

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SBI की इस रिपोर्ट में सेस डीजल पर 20 रुपये और पेट्रोल पर 30 रुपये लीटर रखने का सुझाव दिया गया है. इसमें केंद्र और राज्यों को बराबर हिस्सेदारी मिलेगी, यानी सेस के पैसे दोनों में बराबर बांटे जाएंगे. उसके बाद पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी रेट 28 फीसदी होगा. जीएसटी की रकम 14 फीसदी केंद्र के खाते में जाएगी, और बाकी 14 फीसदी राज्य को मिलेगा. (Photo: File)

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गौरतलब है कि अभी हर राज्य पेट्रोल-डीजल पर अपने हिसाब से वैट वसूलता है, जबकि केंद्र सरकार ड्यूटी और सेस से कमाई करती है. एसबीआई की रिसर्च टीम ने अनुमान लगाया है कि अगले वित्त वर्ष में सालाना आधार पर पेट्रोल की खपत 10 फीसदी और डीजल की खपत 15 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. (Photo: File)

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जीएसटी के दायरे में पेट्रोल-डीजल को लाने से कुछ राज्यों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. राजस्व का सबसे अधिक नुकसान महाराष्ट्र को हो सकता है. एसबीआई ईकोरैप के मुताबिक महाराष्ट्र को 10,424 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. जबकि राजस्थान को 6388 करोड़ और मध्य प्रदेश के रेवेन्यू में 5489 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है. वहीं उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है. (Photo: File)

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क्रूड ऑयल के भाव में उतार-चढ़ाव से इस तरह प्रभाव
एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अनुमान भाव से प्रति बैरल क्रूड ऑयल की कीमत में 10 डॉलर की कटौती होती है तो केंद्र और राज्यों के राजस्व में 18 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी, यह तब संभव होगा जब पेट्रोल 75 रुपये और डीजल 68 रुपये लीटर ही बिकेगा. लेकिन अगर अनुमान भाव से क्रूड ऑयल 10 डॉलर प्रति बैरल महंगा हो जाता है तो सरकार के राजस्व में सिर्फ 9 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी.  (Photo: File)

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