एकतरफा रैली के बाद सोमवार को शेयर बाजार में अचानक भूचाल आ गया. सोमवार को कारोबार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई. लेकिन धीरे-धीरे बाजार पर गिरावट हावी हो गई. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1406 अंक टूटकर 45,553.96 पर बंद हुआ. जबकि निफ्टी 432.15 अंक टूटकर 13,328.40 पर बंद हुआ. बैंक निफ्टी 1258 अंक गिरकर 29,456 पर बंद हुआ.
दरअसल, सोमवार को सेंसेक्स 28 अंक की गिरावट के साथ 46,932 पर खुला. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 19 अंक की गिरावट के साथ 13,741 पर खुला. दोपहर 12 बजे के बाद तो गिरावट का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि सेंसेक्स 2037 अंक तक लुढ़ककर 44,923.08 के निचले स्तर तक पहुंच गया.
बाजार बंद होने तक हर जगह केवल लाल निशान का कब्जा था. सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में बिकवाली रही. निफ्टी के सभी 50 शेयरों में बिकवाली रही. बैंक निफ्टी के सभी 12 शेयरों में बिकवाली रही. लगातार 6 दिन तक रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद भारतीय शेयर बाजार में ये बिखराव आया था. इस गिरावट के पीछे दो अहम वजहें बताई जा रही हैं.
पहली वजह:
शेयर बाजार के जानकारों की मानें तो कोरोना के दूसरे उभार की चिंता से अचानक इतनी बड़ी गिरावट की वजह रही. खासकर ब्रिटेन में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के चलते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लंदन समेत कई जगहों पर लॉकडाउन का ऐलान कर दिया.
इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस का एक नया प्रकार सामने आया है, जो तेजी से फैल रहा है. जिसके चलते कई देशों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है. थाईलैंड में भी कोरोना वायरस का संक्रमण अचानक से बढ़ गया है. इनमें से ज्यादातर संक्रमण के मामले थाईलैंड के सबसे बड़े सीफूड मार्केट से जुड़े हुए हैं.
दूसरी वजह:
पिछले दो महीनों में बड़े पैमाने पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहे थे. भारतीय बाजार में दिसंबर महीने के पहले 18 दिनों में FPI ने 54 हजार 980 करोड़ रुपये का निवेश किया है, लेकिन अब वो तेजी से निकासी कर रहे हैं.
अचानक FPI की बिकवाली से शेयर बाजार संभल नहीं पा रहा है. क्रिसमस और न्यू ईयर की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. वहीं जानकार कह रहे हैं कि बाजार में रिकॉर्ड तेजी के बाद मुनाफावसूली होना तय था, लेकिन अचानक इतनी तेजी से बाजार के गिरने का अनुमान नहीं था.