Solar Panel Subsidy Scheme: भारत सरकार ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों (Traditional Energy Sources) के बजाय वैकल्पिक स्रोतों पर खूब जोर दे रही है. सरकार डीजल-पेट्रोल (Diesel-Petrol) की खपत कम कर इम्पोर्ट बिल (India Import Bill) कम करना चाहती है. इसका कारण है कि बदलती परिस्थितियों के साथ अन्य देशों की तरह भारत की ऊर्जा जरूरतें (Energy Needs) भी बदल रही हैं. भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं (Emerging Economies) की ऊर्जा जरूरतें अधिक तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन तेल व गैस के मामले में आयात (India Oil&Gas Import) पर निर्भरता काफी ज्यादा है. ऐसे में सरकार लोगों को भी प्रोत्साहित कर रही है कि वे अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाएं.
ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को अपनाने से देश को विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) बचाने में तो फायदा होगा ही, साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) में भी मदद मिलगी. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने साल 2030 तक 40 फीसदी बिजली का उत्पादन गैर-पारंपरिक तरीकों से करने का लक्ष्य तय किया है. सरकार ने इस साल के अंत तक सौर ऊर्जा (Solar Energy) से 100 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है, जिसमें से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन छतों पर सोलर पैनल लगाकर करने की योजना है. लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार घर की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है.
यह योजना (Solar Rooftop Subsidy Scheme) आम लोगों के लिए कई लिहाज से फायदेमंद है. सबसे पहले तो इस स्कीम के तहत सोलर पैनल (Solar Panel) लगवाने से खर्च कम आता है, क्योंकि इसका एक हिस्सा सरकार से सब्सिडी के तौर पर मिल जाता है. केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारें अपनी ओर से अतिरिक्त सब्सिडी (Solar Panel Subsidy) भी दे रही हैं. दूसरी ओर सोलर पैनल लग जाने से बिजली बिल का झंझट समाप्त हो जाता है. आपके घर में रोजाना इस्तेमाल के लायक बिजली आपकी छत पर ही सोलर पैनल से तैयार हो जाती है.
इसका तीसरा फायदा यह है कि इस स्कीम में कमाई करने के भी मौके मिलते हैं. अगर घर की छत पर लगे सोलर पैनल आपकी जरूरत से ज्यादा बिजली बना रहे हैं, तो बिजली वितरण कंपनियां आपसे ये खरीद लेंगी. इस तरह देखें तो सोलर रूफटॉप सब्सिडी स्कीम एक साथ तीन-तीन जबरदस्त फायदे देती है. यह एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है, जो तत्काल बचत (Savings) तो कराता ही है, इसके साथ-साथ इनकम (Income) की भी व्यवस्था कर देता है.
आम तौर पर किसी घर के लिए 2-4kW का सोलर पैनल पर्याप्त होता है. इससे बड़े आराम से एक एसी, 2-4 पंखे, एक फ्रिज, 6-8 LED लाइटें, 1 पानी की मोटर और टीवी जैसी चीजें यूज की जा सकती हैं. अब मान लीजिए कि आप उत्तर प्रदेश (Solar Rooftop Scheme UP) में रहते हैं और आपकी छत 1000 वर्ग फीट की है. अगर आप आधी छत यानी 500 वर्ग फीट में सोलर पैनल लगवाते हैं तो प्लांट की क्षमता 4.6kW की होगी. इसमें टोटल खर्च 1.88 लाख रुपये बैठेगा, जो सब्सिडी के बाद कम होकर 1.26 लाख रुपये रह जाएगा.
अब इससे आपको कितनी बचत होगी, ये जान लेते हैं. अपने घर की सारी जरूरतें सोलर पैनल से पूरा करने पर आपको हर महीने करीब 4,232 रुपये के बिजली बिल की बचत होगी. साल भर के हिसाब से बचत 50,784 रुपये हो जाती है. यानी ढाई साल में ही आपकी पूरी लागत वसूल हो जाएगी. 25 साल में आपकी टोटल बचत करीब 12.70 लाख रुपये हो जाएगी.
अगर आपकी खपत कम है तो आप छोटा प्लांट भी लगवा सकते हैं. अगर आप 2kW का सोलर पैनल लगवाते हैं तो इसका खर्च लगभग 1.20 लाख रुपये आएगा. सरकार की ओर से 3 किलोवाट तक का सोलर रूफटॉप पैनल लगवाने पर 40 फीसदी तक की सब्सिडी मिलती है. ऐसे में आपकी लागत घटकर 72 हजार रुपये रह जाएगी और सरकार की ओर से आपको 48,000 रुपये की सब्सिडी मिल जाएगी. सोलर रूफटॉप लगवाने के लिए आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://solarrooftop.gov.in/ पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं.