बेमौसम बारिश में भींगकर टमाटर (Tomato) गुस्से और और भी लाल हो गया है और किचन से गायब होता जा रहा है. दरअसल, टमाटर की फसल को हुए नुकसान के चलते इसके उत्पादन (Tomato Production) में जो भारी गिरावट आई है, उसके चलते महीनेभर में इसकी कीमत आसमान पर पहुंच गई है. दिल्ली से मध्य प्रदेश तक और यूपी से पंजाब तक मंडियों में टमाटर 70 रुपये किलो, जबकि फुटकर में 100 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है.
रसोई का बजट गड़बड़ाया
टमाटर की कीमतों (Tomato price) पर महंगाई की मार ने रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है. दरअसल, आलू, प्याज और टमाटर ऐसी सब्जियों में शामिल है, जो लगभग हर रोज इस्तेमाल में लाई जाती हैं. महीनेभर के भीतर ही टमाटर के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. एक ओर जहां थोक मार्केट में ये 65 रुपये से 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है, तो रिटेल में इसकी कीमत ने शतक लगा दिया है.
दिल्ली से एमपी तक ये है भाव
महीनेभर पहले यही लाल टमाटर रिटेल में 10 से 20 रुपये तक बेचा जा रहा था. वहीं बीते दो हफ्ते पहले भी इसकी कीमत बाजारों में होलसेल में 30 से 35 रुपये औऱ रिटेल में 40 से 45 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी. इस हिसाब से देखें तो अब इसका भाव दोनों ही मंडियों में लगभग दोगुना हो चुका है. दिल्ली में एक किलो टमाटर 70 से 100 रुपये, तो मध्य प्रदेश के इंदौर-भोपाल जैसे शहरों में 80 से 100 रुपये बिक रहा है. यूपी और पंजाब तक में ये इसी दायरे में बना हुआ है.
टमाटर की कीमतों में तेजी की वजह
बीते कुछ समय में बेमौसम बारिश के चलते टमाटर की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है, तो कई राज्यों में इसकी गर्मी के कड़े तेवरों के चलते इसके प्रोडक्शन में गिरावट दर्ज की गई है. इसके अलावा बिपरजॉय साइक्लोन का भी असर टमाटर के उत्पादन पर पड़ा है. टमाटर की पैदावार करने वाले शीर्ष राज्यों में गुजरात और महाराष्ट्र भी शामिल हैं, जहां बिपरजॉय का प्रकोप देखने को मिला था. इस साल बुआई कम होने से भी उत्पादन में कमी आई है, जिसे कीमतों में बढ़ोत्तरी का कारण माना जा सकता है.
महीनेभर पहले सड़कों पर बिखरा था टमाटर
महीनेभर पहने टमाटर का क्या हाल था, इसका उदाहरण महाराष्ट्र के नासिक में नजर आया था. दरअसल, यहां कि उपज मंडी में किसानों द्वारा लाए गए टमाटर की बोली 1 रुपये किलो लगाई गई थी. किसान मार्केट में जाली में टमाटर लेकर आते हैं. इस जाली में 20 किलो टमाटर आते हैं. इसका मतलब है किसानों को प्रति जाली 20 रुपये मिलते. जब किसानों ने यह देखा तो उन्होंने सड़क पर टमाटर फेंककर विरोध दर्ज कराया. वहीं अब महीने भर बाद इसकी कीमत 100 रुपये के स्तर पर है.
मिर्च हुई और भी तीखी, अदरक पहुंच से बाहर
जानकारों की मानें तो देश में मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन करने वाले राज्यों की लिस्ट में पहले पायदान पर है. इसके बावजूद यहां टमाटर इतनी ऊंची कीमत पर बिक रहा है. इसके बाद सर्वाधिक टमाटर की पैदावार आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात में होती है. बारिश और आंधी-तूफान का असर सिर्फ टमाटर तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य सब्जियां इस दौरान महंगी हो गई हैं. हरी मिर्च 100 रुपये किलो और अदरक 200-250 रुपये किलो बिक रहा है. दिल्ली की आजादपुर मंडी में भी बीन्स करीब 120 रुपये किलो, गाजर 100 रुपये, जबकि शिमला मिर्च 80 रुपये प्रति किलो तक के भाव पर बिक रही है.